एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह देव दीपावली के दौरान काशी नगरी पहुंचे

एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) और उसकी ‘दबंग दुल्हनिया‘ राजेश (कामना पाठक) की बेहद लोकप्रिय जोड़ी ने देव दीपावली के स्थानीय त्यौहारी जोश का आनंद उठाने के लिए काशी नगरी का दौरा किया। वहां पर उन्होंने विभिन्न घाटों की यात्रा का आनंद उठाया, गंगा नदी के किनारे नाव की सवारी के मजे लिये, मुंह में पानी भर देने वाले स्ट्रीट फूड का स्वाद चखा और शहर के मशहूर स्टोर्स पर जमकर खरीदारी भी की। हमने उत्तर प्रदेश के योगेश त्रिपाठी के साथ बात की और उनके शहर के हाल के दौरे, वहां घूमने-फिरने के उनके अनुभव और अपने प्रशंसकों एवं दर्शकों से मिलने के बारे में खुलकर बातचीत की।

1. देव दीपावली के दौरान वाराणसी घूमने का आपका अनुभव कैसा रहा?

देव दीपावली निश्चित रूप से भारत के सबसे भव्य उत्सवों में से एक है, और देशभर से लाखों लोग इसे देखने के लिए आते हैं। और मेरा मानना है कि यहां के लोगों ने अपनी जिंदगी में कभी ना कभी इस कार्यक्रम को अवश्य देखा होगा। मैं यहां दूसरी बार आया हूं। जब मैं पहली बार इस उत्सव को देखने आया था तब मैं एक टीनेजर था, और यह मेरी जिंदगी के सबसे यादगार एवं शानदार अनुभवों में से एक था। मैंने इससे पहले अस्सी घाट पर देव दीपावली का उत्सव देखा था और यह वाकई बहुत खूबसूरत था। वाराणसी के घाटों पर हर सीढ़ी पर हजारों दीये जगमगा रहे थे। गंगा के किनारे जल रहे हजारों दीयों की चमकती आभा एक अद्भुत और अतुलनीय अनुभूति दे रही थी। दीयों की रौशनी में आसमान भी बहुत अद्भुत और खूबसूरत नजर आ रहा था। उस दिन पूरा शहर ही बहुत सुंदर लगता है और चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा होती है। और ऐसा लगता है कि जैसे आप किसी दूसरी दुनिया में हों।

2 इस बार वाराणसी आने के पीछे क्या कारण था?

हमारे शो, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के उत्तर प्रदेश में ढेरों प्रशंसक हैं, यही कारण है कि हमने घाटों के शहर वाराणसी जाने और यहां अपने दर्शकों से बातचीत करने का फैसला किया। वाराणसी भारत के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है और यहां पर कई विश्व-प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिन्हें देखने के लिए लाखों भक्त यहां आते हैं। और यहां पर आने के लिये देव दीपावली से बेहतर अवसर और क्या हो सकता था, जब आप अनूठे एवं मंत्रमुग्ध कर देने वाले जश्न को देख सकते हैं। हम जहां भी गये, हमारे प्रशंसकों ने हमारे मजेदार डायलाॅग्स और मेरे कैचफ्रेजेज-अरे दादा! बोलकर हमारा स्वागत किया, जिसे सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई। मैं दर्शकों का आभारी हूं, जिन्होंने हमारे काम की हमेशा सराहना की और हम उम्मीद करते हैं कि हम ऐसे ही मजेदार कहानियों से अपने दर्शकों का आगे भी मनोरंजन करते रहेंगे।

3आपके शो और आपके किरदार के बारे में हमें कुछ बतायें।

‘हप्पू की उलटन पलटन एक घरेलू काॅमेडी है जिसमें दरोगा हप्पू सिंह, उसकी ‘दबंग दुल्हनिया‘ राजेश (कामना पाठक), हप्पू की जिद्दी मां कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) और हप्पू एवं राजेश के नौ शरारती बच्चों के मजाकिया कारनामों को एक मजेदार कहानी के रूप में पिरोया गया है। वह एक भ्रष्ट पुलिसवाला है और ‘न्यौछावर‘ के नाम पर रिश्वत मांगता रहता है लेकिन वह अपने परिवार से बहुत प्यार करता है। दरोगा हप्पू सिंह के मेरे किरदार के तेल से चुपड़े बालों, जिसकी एक घुंघराली लट उसके सिर पर बिल्कुल परफेक्ट तरीके से आकर बैठती है, से लेकर पान की लाली से सने होंठ, जो उसकी मूंछों को बेहतरीन तरीके से दिखाते हैं, की मजाकिया छवि ने दर्शकों को खूब हंसाया है। और मैं जहां भी जाता हूं, लोग मुझे योगेश की जगह ‘दरोगा हप्पू सिंह‘ कहकर बुलाते हैं। वे मेरे एक्सप्रेशन और मेरे लोकप्रिय कैचफ्रेजेज ‘अरे दादा‘ की भी नकल करने की कोशिश करते हैं। मेरे किरदार के प्रति उनके प्यार एवं लगाव को देखकर मुझे बहुत खुशी और गर्व होता है।

4 जब आप किसी नई जगह जाते हैं तो सबसे ज्यादा किस चीज को लेकर उत्सुक रहते हैं?

मेरा जवाब होगा फूड, और यह दौरा भी अलग नहीं था। जैसे ही मैं शहर पहुंचा मैंने सबसे पहले सुनिश्चित किया कि मैं स्थानीय खान-पान का आनंद उठाउंगा और यकीन मानिए, आपसे बात करने के दौरान भी मेरे मुंह में उसका स्वाद आ रहा है। हमने शहर की कई मशहूर चीजें खाईं इनमें शामिल थी – टमाटर चाट, लिट्टी चोखा, कुल्हड़ की चाय और सबसे महत्वपूर्ण तरह-तरह की मिठाईंया जैसे राजभोग, खीर कदम, और जलेबियां। मैं इन चीजों को खाते हुए बड़ा हुआ हूं क्योंकि मैं इसी राज्य से हूं और कई बार शहर जा चुका हूं, लेकिन इन स्वादिष्ट व्यंजनों की हर बाइट के साथ इनके प्रति मेरा प्यार और बढ़ा ही है। मैं हर बार इनका भरपूर आनंद उठाता हूं (हंसते हैं)।

5 क्या आपको काशी विश्वनाथ जाने का मौका मिला?

ऐसा कौन है जो काशी आये और काशी विश्वनाथ के दर्शन किये बिना लौट जाए? जब से हमारी काशी आने की योजना बनी थी तब से ही कामना, हमारी टीम और मैं काल भैरव और काशी विश्वनाथ का आशीर्वाद पाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। यह मंदिर जादुई है लेकिन इस उत्सव के कारण इसे फूलों से और ज्यादा खूबसूरती से सजाया गया था। इस बार यह एक यादगार अनुभव था।

6 इस शहर से आप की कौन सी पसंदीदा यादें हैं?

काशी के लोगों का प्यार और लगाव, भगवान शिव का आशीर्वाद और देव दीपावली का खूबसूरत नजारा, कुछ मशहूर मंदिरों का भ्रमण करना, मैं इस बार कुछ बेहद यादगार यादों के साथ वापस जा रहा हूं। मेरे कई रिश्तेदार काशी में रहते हैं, और मैं बचपन में अपने कजिन्स से मिलने के लिए छुट्टियों के दौरान अक्सर यहां आता था। शहर से जुड़ी मेरी कई यादें हैं, हम घाटों पर नाव की सवारी करते थे, मंदिर घूमने जाते थे और हमारी पसंदीदा चाट खाते थे। मुझे याद है कि कैसे इतने कम पैसे होने के बावजूद, मैं, मेरा कजिन और उसके दोस्त फिल्में देखने जाते थे और नदी के किनारे घंटो बैठे रहते थे। इस यात्रा के दौरान वो सभी यादें फिर से ताजा हो गईं। मैं ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ का आभारी हूं जिसकी बदौलत मुझे लोगों को हंसाने और उनका प्यार पाने का मौका मिला।

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