नाम हमारी पहचान का एक अहम हिस्सा होते है, यह हमें बताते हैं कि हम कौन हैं और यह हमें लोगों से जोड़ते हैं। हर सजीव या निर्जीव चीज का कोई ना कोई नाम होता है, जिससे उसकी पहचान जुड़ी होती है। हर नाम व्यक्तिगत, सांस्कृतिक, पारिवारिक या ऐतिहासिक महत्व और पहलू रखता है, खासकर जब नवजात शिशुओं का नाम उनके ‘नाम-करण‘ (नाम रखने की रस्म) के दौरान रखा जाता है। यह प्रमुख पारिवारिक आयोजनों में एक होता है, जहां नवजात शिशुओं को अपने आधिकारिक नाम मिलते हैं। इस बारे में, एण्डटीवी के कलाकारों ने अपने नामों के पीछे की अनूठी कहानी सुनाई। उन कलाकारों में शामिल हैं, शिव्या पठानिया (देवी पार्वती, ‘बाल शिव‘), अंबरीश बॉबी (रमेश प्रसाद मिश्रा, ‘और भई क्या चल रहा है?‘), कामना पाठक (राजेश सिंह, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘), और रोहिताश्व गौड़ (मनमोहन तिवारी, ‘भाबीजी घर पर हैं‘)।
शिव्या पठानिया – एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ की देवी पार्वती कहती हैं, “मेरा पूरा परिवार भगवान शिव को बहुत मानता है, खासकर मेरे पापा। मेरी परदादी एक शिवभक्त थीं और उनका नाम भी शिव्या से जुड़ा था। इसलिये, मेरे नामकरण कार्यक्रम में हर कोई चाहता था कि मेरा नाम भगवान शिव से जुड़ा हो और इसलिये ’शिव्या’ नाम रखा गया। इसका अर्थ है “शिव का अंश,“ और मैं हमेशा कहती हूं, “शिव या फिर कुछ नहीं“। इसे संयोग कहें या फिर किस्मत, कैसे अचानक ही भगवान शिव पर आधारित शो ‘बाल शिव‘ में महादेव की पत्नी देवी पार्वती की भूमिका मेरी झोली में आ गिरी। यह मेरे जीवन के सबसे खूबसूरत पलों में से एक था और मेरा पूरा परिवार खुश था। मुझे लगता है कि यह मेरे लिये भगवान शिव का आशीर्वाद है।“
अंबरीश बॉबी – एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है?‘ के रमेश मिश्रा कहते हैं, “अंबरीश एक महान राजा थे जो निस्वार्थ, परोपकारी और सबके चहेते थे। मेरी दादी ने मेरा नाम अंबरीश रखा, जिसका अर्थ है “आकाश का देवता‘‘। हालांकि, बहुत से लोग नहीं जानते कि मेरा सरनेम ’बॉबी’ नहीं बल्कि ’श्रीवास्तव’ है। मुझे ’बॉबी’ उपनाम दिया गया था, क्योंकि मेरा लुक ऋषि कपूर की पहली फिल्म ’बॉबी’ के चॉकलेटी बाॅय जैसा था। आखिरकार, लोगों ने मुझे मेरे उपनाम से इतना बुलाना शुरू कर दिया कि मैंने इसे अपने सरनेम के तौर पर इस्तेमाल करने का फैसला किया।“
कामना पाठक- एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश कहती हैं, ‘‘मेरे पेरेंट्स ने मेरा नाम ‘कामना‘ रखा, जिसका मतलब इच्छा या चाहत होती है। मेरे पेरेंट्स को यह कहना अच्छा लगता है कि मैं उनकी एक मनोकामना थी, जो उन्होंने ईश्वर से मांगी और वह पूरी हो गई। इसलिये, जब हमने हाल ही में इंदौर में अपना घर खरीदा तो उसका नाम मेरे नाम पर ‘कामना निवास‘ रखा गया, जोकि मेरे लिय बेहद ही भावुक और खुशनुमा पल था। अपने स्कूल के दिनों में, मेरे दोस्त मजाक में कहते थे, ‘‘कामना हमारी मन की कामना पूरी कीजिए‘‘। पहले तो मुझे बहुत चिढ़ होती थी, लेकिन बाद में मैं उन पर हंसने लगी थी और मैं कहती थी, ‘लेकिन कामना पूरी होने पर, मुझे क्या मिलेगा?‘ (हंसते हुए)।
रोहिताश्व गौड़- एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी कहते हैं,‘‘मेरी बुआ संतोष गौड़ ने मेरा नाम रोहिताश्व रखा था। अफसोस कि वो अब हमारे बीच नहीं रहीं। वह कालका में एक शिक्षाविद् और हायर सेकंडरी स्कूल की प्रिंसिपल थीं और उन्हें साहित्य से बड़ा लगाव था। मायथोलाॅजी में, मेरे नाम रोहिताश्व का अर्थ सूर्य का घोड़ा होता है। रोहित का अर्थ होता है सूर्य की पहली किरण और अश्व का मतलब होता है घोड़ा। लोग कभी-कभार मुझे रोहिताश नाम से पुकारते हैं, जिसे मुझे हमेशा ही सही स्पेलिंग और उच्चारण के साथ ठीक करना पड़ता है। क्योंकि यह मेरी दिवंगत बुआ का मेरे लिये सबसे खास तोहफा है। लेकिन ऐसा होता ही है, क्योंकि यह थोड़ा अनोखा नाम है।‘‘