एण्डटीवी के कलाकारों का कविताओं से प्यार

कविताओं के माध्यम से भाषा की विविधता को दर्शाने के लिये हर साल 21 मार्च को वल्र्ड पोएट्री डे (विश्व काव्य दिवस) मनाया जाता है। इस अवसर पर एण्डटीवी के कलाकारों ने कविताओं को लेकर अपना प्यार जताया और साथ ही यह भी बताया कि उन्हें लिखने की प्रेरणा कहां से मिलती है। इन कलाकारों में शामिल हैं- ‘दूसरी मां‘ के मोहित डागा (अशोक), ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की हिमानी शिवपुरी (कटोरी अम्मा) और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के रोहिताश्व गौड़ (मनमोहन तिवारी)। अशोक का किरदार निभा रहे मोहित डागा ने कहा, ‘‘मुझे हिन्दी साहित्य हमेशा से ही पसंद रहा है। शरद जोशी, हरिशंकर परसाई और प्रेमचंद की कवितायें मुझे प्रेरित करती हैं और इनसे मुझे जिंदगी को नये नजरिये से देखने में मदद मिलती है। वास्तव में कवितायें एक बहुत अच्छी आदत हैं, जिन्हें कोई भी अपना सकता है। बचपन से ही मैं एक किताबी कीड़ा था और अपने पसंदीदा कवियों की कविताओं में इस कदर खोया रहता था कि दूसरे विषयों पर कभी भी मैंने अच्छे से ध्यान ही नहीं दिया (हंसते हैं)। किसी भी दूसरे प्रकार का साहित्य उन अहसासों एवं भावनाओं को नहीं जगा सकता, जो कविताओं से उत्पन्न होता है। कविताओं की एक दूसरी सबसे अच्छी बात यह है कि यह मेरे अंदर शांति का भाव जगाती हैं और मुझे सुकून देती हैं। हालांकि, आज की पीढ़ी पुराने जमाने की इन कविताओं का उतना आनंद नहीं उठा सकती है, जितना हमें आता था, लेकिन फिर भी मैं लोगों खासकर युवाओं से आग्रह करना चाहूंगा कि वे अपने व्यस्त जीवन में से थोड़ा सा समय निकालकर इन कविताओं को पढ़ें या सुनें।‘‘ हिमानी शिवपुरी ऊर्फ कटोरी अम्मा ने कहा, ‘‘कवितायें हमेशा से ही मेरी जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा रही हैं। सफर के दौरान मैं पोएट्री पाॅडकास्ट को सुनना सबसे ज्यादा पसंद करती हूं। मुझे कवितायें पढ़ना और सुनना दोनों ही अच्छा लगता है। विलियम वर्ड्सवाॅर्थ की ‘डैफोडिल्स‘, राॅबर्ट फ्राॅस्ट की ‘माइल्स टू गो बिफोर आई स्लीप‘, रविन्द्रनाथ टैगोर की ‘द चाइल्ड‘ और ऐसी ही कई कवितायें मेरी पसंदीदा कविताओं में शामिल हैं। अपने हाई स्कूल और काॅलेज के दिनों में, मैं साहित्य के क्षेत्र में कुछ कर गुजरना चाहती थी और कवि सम्मेलनों में भाग लिया करती थी। साहित्य के उन महत्वाकांक्षी और उभरते सितारों से मिलकर और उनके जैसा बनने की चाहत से मुझे प्रेरणा मिलती थी। थिएटर से मेरे जुड़ने की एक प्रमुख वजह कविताओं और साहित्य से मेरा प्यार भी है। अपने खाली वक्त में, मैं एक कलम उठाती हूं और कविताओं के माध्यम से अपनी भावनाओं को लिखने की कोशिश करती हूं। मैंने प्रकृति, महिलाओं, अकेलेपन और सामाजिक मुद्दों के बारे में काफी कुछ लिखा है। आज आनंददायक मीडिया के बढ़ते दायरे के साथ, मुझे लगता है कि कवियों के पास शब्दों के अपने खूबसूरत खजाने को दुनिया के साथ साझा करने के लिये एक स्पेस है और मैं भी ऐसा करने का प्रयास करती रहती हूं। कवितायें मुझे कल्पनाओं के आसमान में उड़ान भरने और कुछ समय के लिये वास्तविकता से दूर होने के लिये पंख देती हैं। इससे मुझे आत्मिक और मानसिक सूकून मिलता है। मुझे प्रकृति के साथ रहना अच्छा लगता है और इसकी खूबसूरती को शब्दों में पिरोने में मुझे आनंद मिलता है।

रोहिताश्व गौड़, जोकि मनमोहन तिवारी की भूमिका निभा रहे हैं, ने कहा, ‘‘मेरा मन जब भी उदास होता है, मुझे पता होता है कि मुझे अब कहां जाना है। मैंने अपने घर में एक सबसे सुखद कोना बनाया है, जहां मैं कविताओं की किताबों के साथ मैं समय बिताता हूं और सकारात्मकता की एक बिल्कुल नई दुनिया में कदम रखता हूं। हाथ में एक कप चाय और कविता, बस वहीं सारी थकान गायब। किसी एक को अपना पसंदीदा कवि बता पाना मेरे लिये मुश्किल है। मुझे मिर्जा गालिब, प्रेमचंद, कालीदास, हरिवंश राय बच्चन आदि की कवितायें पढ़ना और सुनना पसंद है। मैं उनकी कविताओं को हजारों बार सुन सकता हूं। काव्य, अभिव्यक्ति का वह रूप है, जो प्रेरणा देता है। मुझे लगता है कि हम सबके अंदर एक कवि छुपा है। मैं लंबे समये से लिखने का काम कर रहा हूं और यह मुझे अपनी जड़ों से जोड़े रखता है। मेरा मानना है कि जिन भावनाओं को दिखाया नहीं जा सकता, उन्हें कविताओं के माध्यम से व्यक्त कर देना चाहिये। पुरानी कविताओं के लिये मेरे दिल में एक खास जगह है, क्योंकि वे कभी भी पुरानी नहीं होतीं। वल्र्ड पोएट्री डे के अवसर पर, मैं सभी लोगों से कवितायें लिखने और पढ़ने का अनुरोध करना चाहूंगा। इससे हमें अपने सारे तनाव को दूर करने में मदद मिलती है और यह हमें एक नई उम्मीद भी देता है। कवितायें पढ़ना और लिखना सिर्फ एक शौक नहीं है बल्कि यह जिंदगी जीने का एक तरीका भी हो सकता है।‘‘

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