आपने कलाकारों द्वारा मेथड ऐक्टिंग को आजमाने, अनगिनत आॅडिशन्स देने और किरदारों में ढलने की अपनी काबिलियत दिखाने की पुरजोर कोशिशों की कई कहानियां सुनी होंगी। लेकिन इन ढेरों कहानियों के बीच क्या आपने कभी किसी ऐक्टर के कोई रोल पाने के लिये एक डिलीवरी ब्वाॅय बनने के बारे में सुना है? मिलिये एक ऐसे ही कलाकार महमूद हाशमी से, जो फिलहाल एण्डटीवी के ‘अटल‘ में प्रमुख विरोधी ‘तोमर‘ का किरदार अदा कर रहे हैं। कला के प्रति उनकी प्रतिबद्धता उनके परफाॅर्मेंस में नजर आती है। वह फिल्मों और टेलीविजन दोनों में ही उन मौकों का दिल खोलकर स्वागत करते हैं, जहां उन्हें अपनी प्रतिभा को दिखाने का अवसर मिलता है। वर्ष 2018 में एक दक्षिण भारतीय ऐक्शन-ड्रामा फिल्म में अपनी प्रतिभा दिखाने के बाद, अपनी भूमिका की तैयारी करने के लिये हाशमी को एक अनूठी चुनौती का सामना करना पड़ा। अपने इस किरदार में ढ़लने के लिये उन्हें अपनी बाॅडी को एकदम दुबला-पतला बनाने की जरूरत थी। हालांकि, उनके पास इतने पैसे और संसाधन नहीं थे कि वह जिम वर्कआउट या योगा सेशन्स जैसे ट्रेनिंग के पारंपरिक तरीकों को नहीं आजमा सकते थे। इसलिये उन्होंने अपने फिजिकल ट्रांसफाॅर्मेशन के लिये एक अपारंपरिक उपाय अपनाया। वह एक डिलीवरी ब्वाॅय का काम करने लगे, ताकि उन्हें मनचाही बाॅडी भी मिल जाये और साथ ही वह कुछ पैसे भी कमा पायें।
महमूद हाशमी (तोमर) ने अपने इस सफर के बारे में बताते हुये कहा, ‘‘मैंने एक रोल के लिये एक अनूठे चैलेंज का सामना किया और अपना वजन घटाने के लिये सीमित संसाधनों की वजह से एक अपारंपरिक तरीका आजमाया। मैं जबलपुर में एक डिलीवरी ब्वाॅय बन गया। इस दौरान मैं हर दिन 10-12 घंटों तक साइकिल चलाया करता था और इससे मुझे सिर्फ दो महीनों में ही 12 किलों वजन कम करने में मदद मिली। यह काम बहुत मुश्किल था, लेकिन इसके बावजूद मैंने शूटिंग में आसानी से बदलाव कर लिया। हालांकि, इस फिल्म की रिलीज में देरी हुई, लेकिन मेरा यह अनुभव बहुमूल्य साबित हुआ और इससे मुझे बतौर ऐक्टर अपनी बाॅडी को शेप में लाने में मदद मिली। मैंने सीखा कि प्रमाणिकता स्क्रिप्ट में लिखी लाइनों से परे होती है और किसी किरदार के सार को पूरी तरह से साकार करने के बारे में है। डिलीवरी ब्वाॅय के रूप में उस दौर ने मुझे दृढ़ता और लचीलेपन के बारे में सिखाया, जिसे मैं अपने आॅन-स्क्रीन परफाॅर्मेंस में शामिल करता रहा हूं। हर किरदार कुछ नया सीखने और उन सारे सबक को अपने काम में शामिल करने का एक अवसर होता है। आपकी कड़ी मेहनत आपके काम में नजर आती है, जिस पर दर्शक गौर करते हैं और उसकी तारीफ करते हैं।‘‘