माँ और बच्चे का रिश्ता अमर, निस्वार्थ, दृढ़, और बिना शर्त के प्यार पर आधारित माना जाता है। माँ के प्यार और लगाव की कोई सीमा नहीं होती है, लेकिन उसमें पेचीदगी हो सकती है, खासकर जब बच्चा आपके पति का अवैध बेटा हो। एण्डटीवी का फैमिली ड्रामा ‘दूसरी माँ‘ मातृत्व के इस रिश्ते को सबसे ज्यादा खूबसूरती के साथ पेश करता है। इस शो में एक माँ यशोदा (नेहा जोशी) की कहानी है, जो यूपी में अपने पति अशोक (मोहित डागा), अपनी दो बेटियों और ससुराल वालों के साथ रहती है और जिसका खुशहाल और शांत पारिवारिक जीवन एक दुखदायी स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जब वह अनजाने में अपने पति के अवैध बच्चे कृष्णा (आयुध भानुशाली) को गोद ले लेती है। हम टेलीविजन और फिल्मों में मजबूत माताओं के कई चित्रण देख चुके हैं, लेकिन ‘दूसरी माँ‘ में यशोदा का किरदार इसलिये अलग है, क्योंकि वह मातृत्व की भावनाओं और धोखा पाने से आहत होने के बीच संतुलन रखती है और इस तरह मातृत्व के विषय पर एक अनोखा किरदार बनकर उभरती है। अपने पति के अतीत से ताल-मेल बिठाने और कृष्णा के लिये अपने ही परिवार और समाज के खिलाफ जाने का उसका सफर इस शो को भारतीय टेलीविजन पर सबसे पसंदीदा फैमिली ड्रामा में से एक बना चुका है।
इस मदर्स डे पर शो के मुख्य कलाकार यशोदा (नेहा जोशी) और कृष्णा (आयुध भानुशाली), जोकि जयपुर में हैं, अपने किरदारों और पर्दे के पीछे के अपने रिश्ते पर बात कर रहे हैं। ‘दूसरी माँ‘ की यशोदा, यानि नेहा जोशी ने बताया, ‘‘दूसरी माँ’ ऐसा शो है, जो मातृत्व की अतुल्य भावना की सराहना करता है। मुख्य किरदार यशोदा जीवन की चुनौतियों के बीच अपने बच्चों के लिये अटूट समर्थन दिखाती है। अपने बच्चों के लिये उसका प्यार खून के रिश्ते से बढ़कर है और अपने बेटे कृष्णा की सुरक्षा के लिये वह हर बुराई से लड़ जाती है। यशोदा साहसी और अपने बच्चों को हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने वाली मां है और अपने तीन बच्चोंः कृष्णा (आयुध भानुशाली), आस्था (आदविका शर्मा) और नूपुर (आन्या गलवान) की सुरक्षा और सेहत सुनिश्चित करने के लिये वह किसी भी सीमा तक जा सकती है। यशोदा अपने तीनों बच्चों से बराबरी का और भेदभाव से रहित व्यवहार करती है, उन्हें अच्छे मूल्य सिखाती है और परिवार की एकजुटता को बढ़ावा देती है। वह एक आत्मनिर्भर और मजबूत इच्छाशक्ति वाली महिला है, जिसके बच्चे ही उसकी दुनिया है और इसलिये वह एक आदर्श माँ है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह असल जिन्दगी और स्क्रीन, दोनों में किसी को भी मिल सकने वाले सबसे मजबूत किरदारों में से एक है। इन तीनों प्यारे बच्चों की माँ की भूमिका निभाने से मुझे मातृत्व का अनुभव होता है। हम जयपुर में अपने शो की शूटिंग कर रहे हैं और इन बच्चों के मेरे आस-पास रहने से मुझे घर जैसा एहसास होता है। हम सेट पर खेलते हुए, बात करने में और रिहर्सल में खूब सारा वक्त बिताते हैं। जब भी हमारी छुट्टी का दिन होता है, हम गुलाबी शहर का दौरा करते हैं और यहाँ के पकवान आजमाते हैं। हमारा रिश्ता हमेशा से बहुत खास रहा है। असल जिन्दगी में भी मेरा उनके साथ व्यवहार मेरे अपने बच्चों की तरह है।’’
‘दूसरी माँ‘ के कृष्णा, यानि आयुध भानुशाली ने बताया, ‘‘कृष्णा और यशोदा का रिश्ता बेजोड़ है। वह कृष्णा को जितना प्यार, देखभाल और समर्थन देती हैं, यही मातृत्व की असली परिभाषा है। परिवार कृष्णा को अपने बच्चे के रूप में स्वीकार करने के लिये तैयार नहीं है और उसे अपनी जिन्दगी से बाहर निकालने के लिये हर संभव तरीका आजमा रहा है, लेकिन यशोदा उसे बचाने के लिये सारी बुराइयों से लड़ रही है, ताकि वह सामान्य तरीके से रह सके।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमारे करीबी रिश्ते को देखते हुए मैं ऑफ-स्क्रीन भी नेहा जी को प्यार से ‘आई’ (माँ) कहता हूँ। वह मेरे लिये काफी सुरक्षा की भावना रखती हैं और उन्होंने हमेशा मेरी अच्छी देखभाल की है। हम जयपुर में एक-दूसरे के साथ काफी वक्त बिताते हैं। मेरे आस-पास उनके रहने से मैं बहुत खुश हो जाता हूँ और मुझे आसानी होती है। उनके साथ मेरा कोई पल उदासी में नहीं बीतता है और हमें एक-दूसरे का साथ पसंद है।’’