अपने सफर में अब भी अपने गुरुओं का मार्गदर्शन ले रहे कलाकारों ने उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया !

कलाकार अक्सर अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुओं या शिक्षकों के मार्गदर्शन एवं बुद्धिमत्ता को देते हैं, क्योंकि उनके कॅरियर बनाने में इन लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। कई कलाकारों का अपने शिक्षकों के साथ रिश्ता केवल कक्षाओं तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि उनके साथ उनकी बातचीत नियमित रूप से होती है। वे लगातार उन्हें प्रेरित कर रहे हैं तथा उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। इस शिक्षक दिवस पर एण्डटीवी के कलाकार अपने शिक्षकों के प्रति गहरा सम्मान जता रहे हैं और बता रहे हैं कि उनके साथ अभी वह कैसे सम्बंध रखते हैं। यह कलाकार हैं आशुतोष कुलकर्णी (कृष्ण बिहारी वाजपेयी, ‘अटल’), अमित भारद्वाज (मेवा, ‘भीमा’), योगेश त्रिपाठी (हप्पू सिंह, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और शुभांगी अत्रे (अंगूरी भाबी, ‘भाबीजी घर पर हैं’)। ‘भीमा‘ में मेवा का किरदार अदा कर रहे अमित भारद्वाज ने बताया, ‘‘मेरे गुरु श्री सुरेश कुमार हज्जू 1980 के दशक से गांधी जयंती पर महात्मा गांधी के प्रसिद्ध चित्रण के लिये जाने जाते हैं। वह थियेटर के अनुभवी कलाकार हैं और पटना की प्रेमचंद रंगशाला के जाने-माने अभिनेता हैं। इस मुकाम पर पहुंचने के बावजूद वह बहुत विनम्र रहते हैं और उभरते तथा स्थापित कलाकारों का मार्गदर्शन करते हैं। मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने 2005 से उनके संरक्षण में अभिनय सीखा है और मैं अक्सर उन्हें काॅल करता हूँ, ताकि उनकी सेहत की जानकारी ले सकूं या कोई सलाह प्राप्त कर सकूं।’’ ‘अटल‘ में कृष्ण बिहारी वाजेपयी की भूमिका के लिये मशहूर आशुतोष कुलकर्णी ने बताया, ‘‘मैं अपने स्कूल के शिक्षकों में से एक सुश्री गीतांजलि राव के साथ लगातार संपर्क में रहता हूँ। उन्होंने मनोरंजन उद्योग में मेरी यात्रा को आकार दिया है। अंग्रेजी की टीचर होने के नाते उन्होंने न केवल भाषा कौशल विकसित करने में मेरी मदद की, बल्कि मेरे पूरे व्यक्तित्व विकास में उनका एक महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं और एक्स्ट्रा कुरिकलर गतिविधियों में भाग लेने के लिये मुझे लगातार प्रोत्साहित किया, क्योंकि उनका मानना था कि जीवन में किताबी शिक्षा के अलावा भी बहुत कुछ होता है। मेरे ऊपर उनका विश्वास और अटूट सहयोग मेरा आत्मविश्वास बढ़ाने में महत्वपूर्ण रहा और आखिरकार मैंने एक्टिंग में कॅरियर बना लिया। उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन ने ही मेरी सफलता का आधार रखा। इस दिन मैं अक्सर उनसे मिलने स्कूल जाता हूँ, ताकि उनका आशीर्वाद ले सकूं और मेरे जीवन पर उनके गहरे असर के प्रति आभार जता सकूं।’’

‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह, ऊर्फ योगेश त्रिपाठी ने कहा, ‘‘मेरे केमिस्ट्री टीचर श्री हमीद बेग ने सिर्फ अंकों को समझने में ही मेरी मदद नहीं की, बल्कि सटीकता और समर्पण का महत्व भी बताया। उनकी कक्षाएं अनुशासन की मास्टरक्लास होती थीं और मैंने अनजाने में ही अपने एक्टिंग कॅरियर में उनके सबक अपना लिये। मुझे सटीकता और विवरण पर जो ध्यान देना सिखाया गया था, वह मेरे मशहूर किरदार हप्पू सिंह को निभाने में भी काम आता है। उन्होंने मुझे दिखाया था कि कड़ी मेहनत और उत्साह के साथ सबसे मुश्किल समस्याओं को भी हल किया जा सकता है। यह कहते हुए मुझे गर्व है कि उनके प्रभाव से मैं एक बेहतर एक्टर बन पाया और मेरा आत्मविश्वास भी बढ़ गया। पिछले साल मैंने उनकी सरप्राइज विजिट की थी और वह बहुत खुश हुए कि एक्टर बनकर मैंने कितनी तरक्की की है। उन्होंने संतोष जताया कि मैंने कॅरियर का सही रास्ता चुना है। मेरी जिन्दगी पर उनके असर का कोई पैमाना नहीं हो सकता और उनसे लगातार मिले सहयोग तथा मार्गदर्शन का मैं हमेशा प्रशंसक रहूंगा। मैं लगातार उन्हें गर्व का अहसास कराने की आशा करता हँू।’’ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अंगूरी भाबी बनीं शुभांगी अत्रे ने बताया, ‘‘इंदौर में मेरी कथक टीचर ने मुझे डांस स्किल्स तो दी ही, मेरी पूरी शख्सियत को भी बेहतर बना दिया। कथक के लिये उनका जुनून बड़ा असरदार था और मैं उनके मार्गदर्शन में केवल एक प्रशिक्षित डांसर नहीं बनी, बल्कि मुझमें आत्मविश्वास और सकारात्मकता भी आई। मेरे लिये सम्मान की बात है कि उन्होंने मेरी तस्वीरों को अपनी डांस एकेडमी की दीवार पर लगाया है। उस जगह मेरे जैसे कई स्टूडेंट्स ने डांस सीखा है। मेरी क्षमता पर उनके विश्वास ने एक प्रशिक्षित डांसर बनने में मेरी मदद की और एक कलाकार के तौर पर मेरे सफर को सकारात्मक तरीके से प्रभावित किया। उनके सबक रोजाना मेरे साथ रहते हैं, मंच पर और उसके बाहर भी। और मेरे जीवन पर उनके प्रभाव के लिये मैं उनकी आभारी हूँ।’’

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