अपने बच्चों के साथ सेलिब्रेटी मांओं का खास रिश्ता

मांएं हमारी दुनिया, हमारी ताकत होती है और हमारी पहली दोस्त भी

वह हमें प्रेरित करती है, हमारा मार्गदर्शन करती है और हमें रास्ता दिखलाती है और हमें ऊंचा उड़ने की प्रेरणा देती है

सबसे महत्वपूर्ण बात की वह उन लोगों में से जो हमेशा हमारे साथ खड़ी रहती है! इस ‘मातृत्व दिवस‘ पर एण्डटीवी की एक्टर्स और रियल लाइफ माॅम, हिमानी शिवपुरी (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा), शुभांगी अत्रे (‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी) और फरहाना फातिमा उर्फ (‘और भई क्या चल रहा है?‘ की शांति मिश्रा) ने अपने बच्चों के साथ अपने इस अटूट बंधन के बारे में बात की।

हिमानी शिवपुरी उर्फ कटोरी अम्मा कहती हैं, ‘‘मेरा बच्चा मेरी दुनिया है। हमलोग एक टीम की तरह हैं। हमारा रिश्ता बड़ा अनोखा और खास है। जब मैं मुंबई आई, मेरी दूसरी फिल्म के बाद ही मेरे पति का देहांत हो गया था। उस मुश्किल घड़ी में मेरा बेटा कात्यान मेरी ताकत बनकर खड़ा था। उसने मेरी तरफ देखा और मुझसे कहा, ‘मम्मी मैं आपके साथ मुंबई आना चाहता हूं। मुझे आज भी उसकी आंखों में मेरे लिये वह मासूमियत  और परवाह याद है। उसने मुझे सातवें आसमान पर होने का अहसास कराया। मातृत्व का यह पूरा अनुभव ही कमाल का रहा है। वह हर अच्छे-बुरे वक्त में मेरे साथ रहा है। उसके साथ हर दिन ही खास होता है और उसने मेरी जिंदगी को खुशियों से भर दिया है। सिंगल वर्किंग मदर होना बहुत चुनौतीपूर्ण था, लेकिन मैं इस सफर को पार कर पायी क्योंकि मेरा बेटा हर कदम पर मेरे साथ था। वह बेहद ही समझदार और सपोर्ट करने वाले लोगों से है और मैं उसके जैसा बेटा पाकर खुद को खुशकिस्मत मानती हूं! ‘मातृत्व दिवस‘ पर मैं सारी सिंगल मदर्स को ढेर सारी हिम्मत और साहस के लिये शुभकामनाएं देना चाहती हूं। यह आसान नहीं होता, लेकिन आपका यह सफर सफल हो जाता है जब आप अपने बच्चों को एक बेहतर इंसान बनते हुए देखते हैं। सिंगल मदर्स उस परम त्याग का एक सटीक उदाहरण हैं जोकि मांएं अपने बच्चों की खुशियों और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिये करती हैं। उनके जज्बे और हिम्मत को सलाम!

‘‘ शुभांगी अत्रे उर्फ अंगूरी भाबी कहती हैं,‘‘जब मैं इंडस्ट्री में धीरे-धीरे अपने कदम आगे बढ़ा रही थी, तो मैं अकेली नहीं थी, मेरे पति थे मेरा साथ देने के लिये। इसके अलावा मैं दो साल की बेटी आशी की मां थी। उसे घर पर छोड़कर अपने कॅरियर की शुरूआत करना मुझे कशमकश में डाल देता था। कॅरियर के मेरे शुरूआती कुछ साल मुश्किलों भरे थे, लेकिन मेरा परिवार मेरी ताकत बन गया। यदि मैं 15 दिनों के लिये भी आउटडोर शूटिंग के लिये बाहर जाती थी तो मुझे कभी इस बात की चिंता नहीं रहती थी कि मेरी बेटी का क्या होगा। वह काफी समझदार लड़की है और वह मुझे स्पेशल महसूस कराने के लिये सारी चीजें करती है। हम दोनों मां-बेटी अपने हरेक सेकंड का भरपूर लुत्फ उठाते हैं। हम दोनों साथ मिलकर घर के काम करते हैं, इनडोर गेम्स खेलते हैं और फिर बातें करते हैं और खूब हंसते हैं। यह एक साथ होने का अहसास है और हमारा रिश्ता अद्भुत है। आप कहीं भी हों, आप जो कुछ भी करती हैं आप सभी मांओं को ‘हैप्पी मदर्स डे‘! हर मां अपने आपमें अद्भुत होती हैं। आपने जो त्याग किये हैं और आपने जो इतना प्यार दिया है उन सबके लिये!

‘‘ फरहाना फातिमा उर्फ शांति मिश्रा कहती हैं, ‘‘अपनी 10 साल की बेटी मिसारा के साथ मेरा रिश्ता बहुत ही दमदार है। वह मेरी दुनिया है, मेरे लिये सबकुछ है और मेरे लिये सबसे कीमती तोहफा है। मैं हमेशा से ही एक बेटी चाहती थी और मुझे एक प्यारी-सी बिटिया मिली। उसका व्यक्तित्व ऐसा है कि कोई भी खींचा चला आता है और वह सबको प्यार करने वाली और परवाह करने वाली बच्ची है। कई बार तो वह मेरे साथ बेटी की बजाय एक मां की तरह व्यवहार करने लगती है। वह मेरी जिंदगी में ढेर सारी खुशियां और आनंद लेकर आयी। जब भी मैं थोड़ा परेशान होती हूं वह मुझे हंसा देती है, जब मैं बीमार पड़ती हूं मेरी देखभाल करती है और हम एक-दूसरे से काफी चीजें शेयर करते हैं। हम एक दोस्त की तरह ज्यादा हैं और सारी बातें एक-दूसरे को बताते हैं। हम एक-दूसरे के साथ काफी सहज रहते हैं, हमारे बीच जो विश्वास और अटूट बंधन है वह हमारे रिश्ते को और भी अनूठा बनाता है। मिसारा की एक बात है जो मुझे परेशान करती है, वह है आॅनलाइन गेमिंग को लेकर उसका जुनून। इसलिये, कई बार इस बात को लेकर हमारे बीच बहस हो जाती है, लेकिन थोड़ा नोंकझोंक तो हर मां-बेटी में होता है, है ना? मैं सभी अद्भुत और बेमिसाल मांओं को ‘मदर्स डे‘ की शुभकामनाएं देती हूं।‘‘

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