साढ़े नौ से ग्यारह, एण्डटीवी पर है हंसी का फव्वारा

हंसो, हंसाओ, खुश हो जाओ! ‘इंटरनेशनल जोक डे‘ के मौके पर हम कुछ ऐसे ही बेहतरीन डायलाॅग्स और उसके जवाब को याद कर रहे हैं जिसने कि दर्शकों के साथ-साथ उन किरदारों को भी हंसने पर मजबूर कर दिया! एण्डटीवी अपने हल्के-फुल्के टाइमबैंड और मजेदार शो के जरिये, दर्शकों के लिये लेकर आया है अनलिमिटेड मस्ती और ठहाके। यह रात 9.30 बजे से रात 11 बजे तक चलेगा। यह ‘और भाई क्या चल रहा है?‘ से शुरू होगा, जिसमें मिश्रा और मिर्जा परिवार अपने मजेदार नोंकझोंक और झगड़ों से आपको ठहाके लगाने पर मजबूर कर देगा। इसके बाद आता है ‘हप्पू के उलटन पलटन‘ के न्यौछावर-खोर, टेढ़ी मूंछ वाले दरोगा हप्पू सिंह (योगेश त्रिपाठी) का नंबर। जब वह और उसका बड़ा-सा भारतीय परिवार एक साथ होता है, तो काॅमेडी आॅफ एरर तो होना ही है। ठहाकों के इस बैंड की समाप्ति का सबसे बेहतरीन तरीका है, ‘भाबीजी घर पर हैं‘, जो आपको भाबियों और उनके गड़बड़झाला करने वाले पतियों के बीच की बातों से हंसायेगा।

सकीना मिर्जा और शांति मिर्जा के बीच नोंकझोंक, घमासान रूप ले लेती है, लेकिन दर्शकों के लिये तो सिर्फ ठहाके लगाने का मौका है! इन दोनों के लिये सारी चीजें सिर्फ काॅम्पीटिशन है, चाहे कुकरी हो, वह हवेली और यहां तक कि उनके बच्चे भी! सकीना मिर्जा (आकांशा शर्मा) मां होने के अपने हुनर गिनवाते हुये कहती है, ‘‘भाभी, हम तो ईनाम को रोज बादाम खिलाते हैं, ताकि उसका दिमाग एकदम तेज हो और उसे सब याद रहे!‘‘ इसके जवाब में शांति मिर्जा (फरहाना फातिमा) तपाक से कहती है, ‘‘क्या बात कर रही हो सकीना, हमारे गुड्डू को तो हमारे हाथ में बेलन देखते ही सबकुछ याद आ जात है!‘‘ हम सब भी या तो सकीना या फिर शांति के हाथों ही बड़े हुये, जरा इसके बारे में सोचकर देखियेगा। (हंसते हुये)।

दरोगा हप्पू सिंह और उसकी दबंग राजेश (कामना पाठक) अपने बोलती-बंद वाले काॅमिक डायलाॅग के लिये जाने जाते हैं। एक दिन राजेश कहती है, ‘‘सुनो, हम क्या मोटे लग रहे हैं?‘‘हप्पू तुरंत ही जवाब देता है, ‘‘नहीं-नहीं, तुम तो बिलकुल परफेक्ट हो! राजेश शरमा जाती है और बड़े ही प्यार से कहती है, ‘‘तो हमको उठाकर किचन तक ले चलो, बहुत भूख लग रही है!‘‘ (ओह्ह!!) उधर से बहुत ही बेरूखा से जवाब देते हुये हप्पू कहता है, ‘रुको, हम फ्रिज ही उठाकर ले आते हैं!‘‘ ऐसी नोंकझोंक में ही होती है इनकी प्यार भरी बातें!‘‘ हप्पू सिंह अक्सर अपनी बीवी राजेश (कामना पाठक) और मां कटोरी अम्मा (हिमानी शिवपुरी) के बीच पिसता रहता है, इसके साथ ही यह घरेलू काॅमेडी आपके ठहाकों का ठिकाना बन जाती है और हल्के-फुल्के रूप से दिन को खत्म करने का तरीका!

अंगूरी भाबी (शुभांगी अत्रे) की जबान का फिसलना हमेशा ही हंसी का कारण बनती रहती है। और विभूति नारायण मिश्रा (आसिफ शेख) अपनी भाबी को सही करने का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देते। अनीता भाबी (नेहा पेंडसे) और विभूति को डिनर पर बुलाया जाता है और ऐसे ही एक परिस्थिति में कुछ ऐसा घटता है। अंगूरी भाबी उत्साह के मारे गलती से बोल जाती हैं, ‘थैंक यू, स्मूच!‘‘ विभूति तुरंत ही आगे आता है और बड़े ही भोलेपन से बताता है, ‘भाबीजी स्मूच नहीं, स्मूच तो ये होता है।‘‘ वह इसे दिखाने के लिये अपने होंठ से पाउट बनाता है और ठीक उसी समय अनीता भाबी रूखेपन से कहती हैं, ‘हर चीज एक्सप्लेन करने की जरूरत नहीं है विभू। भाबी, यह थैंक यू सो मच होता है।‘‘ इस पर अंगूरी अपना वही जाना-पहचाना तकियाकलाम बोलती है, ‘सही पकड़े हैं!‘‘ (हंसते हुये) अंगूरी भाबी को आॅटो-करेक्ट की बेहद जरूरत है। क्या आप इस बात की कल्पना कर सकते हैं कि इसकी और किसे जरूरत है? ‘भाबीजी घर पर हैं‘ कई लोगों का फेवरेट शो बना हुआ है। पति-पत्नी का मजाक हो या फिर भाबी-पड़ोसी का, यह दिन को खत्म करने का परफेक्ट तरीका है।

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