सावन सोमवार, आपूर्णता और शिव भक्ति का प्रतीक!

सावन सोमवार को श्रावण मास भी कहा जाता है, जिसकी शुरूआत होने ही वाली है और भगवान शिव के भक्त इस शुभ महीने को मनाने की तैयारी कर रहे हैं। भक्त पूरे महीने के दौरान भगवान शिव की पूजा करते हैं और देवी पार्वती से प्रार्थना करते हैं। सावन के महीने का हर सोमवार उपवास के लिये शुभ माना जाता है और भक्त इसे सावन सोमवार व्रत के रूप में रखते हैं। एण्डटीवी के प्रमुख कलाकार इस पवित्र महीने के महत्व पर बात कर रहे हैं और सावन सोमवार का उपवास रखने के लिये अपने-अपने कारण बता रहे हैं। इन कलाकारों में शामिल हैं प्रीति सहाय (कामिनी, ‘दूसरी माँ’), हिमानी शिवपुरी (कटोरी अम्मा, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और विदिशा श्रीवास्तव (अनीता भाबी, ‘भाबीजी घर पर हैं)। ‘दूसरी माँ‘ की कामिनी, यानि प्रीति सहाय ने बताया, ‘‘भगवान शिव के भक्त इस महीने को बड़ा सम्मान देते हैं, क्योंकि यह बहुत ही शुभ होता है। पौराणिक गाथाओं के अनुसार, समुद्रमंथन के दौरान भगवान शिव ने दुनिया को बचाने वाले अमृत की प्राप्ति के लिये विषपान किया था। उस विष से भगवान शिव को हानि न हो, इसके लिये देवी पार्वती ने उनके गले को स्पर्श कर विष को वहीं रोक दिया। विष के प्रभाव से उनका गला नीला हो गया और उसमें दर्द और जलन होने लगी। अपना आभार जताने के लिये भक्त उन्हें पवित्र गंगाजल चढ़ाते हैं, ताकि महादेव को शांति मिले। इसके अलावा, श्रावण सोमवार के व्रत भी रखे जाते हैं और सावन के दौरान सभी सोलह सोमवारों पर उपवास किया जाता है, जिसे सोलह सोमवार व्रत भी कहते हैं, ताकि भगवान शिव से सफलता, विवाह और समृद्धि का आशीर्वाद मिल सके और मनोकामनाएं पूरी हों।’’

‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा, यानि हिमानी शिवपुरी ने बताया, ‘‘भगवान शिव को समर्पित इस महीने के दौरान लोग उपवास रखते हैं, विशेषकर सोमवार को, जिन्हें ‘श्रावण सोमवार व्रत’ कहा जाता है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में भक्त पारंपरिक पोशाक पहनते हैं और कांवड़ यात्रा के लिये निकल पड़ते हैं और उनके कंधों पर पानी के बर्तन होते हैं, जिन्हें कांवड़ कहा जाता है। वे गंगा समेत पवित्र नदियों पर जाते हैं, जल लेते हैं और उसे भगवान शिव को अर्पित करते हैं। पौराणिक गाथा के अनुसार, देवी पार्वती की अटूट भक्ति ने भगवान शिव को प्रभावित किया और उन्होंने उनसे (शिव) शादी करने की पार्वती की इच्छा पूरी की। इसे ध्यान में रखते हुए, अविवाहित लड़कियाँ इस उम्मीद के साथ सोलह सोमवार का उपवास रखती हैं, कि उन्हें उपयुक्त जीवनसाथी मिलेगा। वे शुभ ब्रह्म मुहूर्त में जागती हैं, तड़के ही नहाती हैं और भगवान शिव को तरह-तरह की चीजें अर्पित करती हैं, जैसे कि दूध, दही, शहद, शक्कर, चंदन का लेप, गंगाजल और खाने की दूसरी चीजें।’’ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनीता भाबी, यानि विदिशा श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘पूरे सावन महीने में उपवास रखना बहुत शुभ माना जाता है। इसमें सुबह जल्दी जागना होता है, भगवान शिव के मंदिर जाना होता है और पवित्र पंचामृत अर्पित करना होता है, जिसमें दूध, घी, दही, गंगाजल और शहद के साथ बिल्व की पत्तियाँ होती हैं। श्रावण के पूरे महीने में यह क्रम जारी रहता है। इस पवित्र अवधि में उपवास रखने वाले लोग दूध और डेयरी प्रोडक्ट, फल और दूसरी फलाहारी चीजें खा सकते हैं। उपवास करने वाले लोग भगवान शिव की पूजा करने के अलावा देवी पार्वती को भी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं और शांति, समृद्धि तथा सफलता से भरपूर जीवन की कामना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि सावन के महीने में सोमवार का व्रत करने वालों को भगवान का आशीर्वाद मिलता है।’’

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