मोहित डागा ऊर्फ एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ के अशोक ने कहा, ‘‘दर्शक या तो अशोक के किरदार से प्यार करेंगे या फिर नफरत‘‘

टेलीविजन इंडस्ट्री में एक दशक से भी ज्यादा का समय गुजार चुके अभिनेता मोहित डागा एण्डटीवी के नये फैमिली ड्रामा ‘दूसरी माँ‘ में अशोक के किरदार के साथ वापसी कर रहे हैं। ज़ी स्टूडियोज द्वारा निर्मित और इम्तियाज़ पंजाबी द्वारा को-प्रोड्यूस्ड ‘दूसरी मांँ‘ उत्तर प्रदेश की एक महिला यशोदा (नेहा जोशी) की कहानी है, जो अपने पति अशोक, दो बेटियों और सास-ससुर के साथ रहती है। उसकी खुशहाल और सुकून से भरी जिंदगी में उस समय भूचाल आ जाता है, जब वह और उसका पति अनजाने में अपने (पति के) नाजायज बेटे कृष्णा (आयुध भानुशाली) को गोद ले लेते हैं। अपने नये शो एवं किरदार को लेकर उत्साहित मोहित ने हाल ही में हुई एक बातचीत में टेलीविजन इंडस्ट्री में अपने सफर, आने वाले प्रोजेक्ट्स, अशोक के अपने किरदार आदि के बारे में बताया।

1 ‘दूसरी माँ‘ में अशोक के अपने किरदार के बारे में हमें बतायें।

अशोक एक प्यार और देखभाल करने वाला पति है और वह अपने परिवार से बहुत प्यार करता है। उसे अपनी पत्नी यशोदा (नेहा जोशी) और अपनी बेटियों पर गर्व है। वह अपने पारंपरिक और पुराने ख्यालात के माता-पिता के सामने उन्हें सपोर्ट करता है। वह अपने छोटे भाई और बड़ी बहन, जिसकी शादी हो चुकी है, को भी भावनात्मक और आर्थिक रूप से सहयोग देता है। वह एक नामचीन वकील है और उसने काफी कामयाबी हासिल की है। उसकी जिंदगी उस समय तक बेहद खुशहाल और संतोषजनक थी, जब तक कि वह अपनी नाजायज संतान कृष्णा (आयुध भानुशाली) से नहीं मिला था। कृष्णा कोई अनाथ बच्चा नहीं, बल्कि अशोक एवं माला के प्रेम की निशानी है। हालांकि, अशोक को कृष्णा के अस्तित्व के बारे में तब तक पता नहीं होता, जब तक कि यशोदा की मुलाकात माला और कृष्णा से नहीं हुई थी। लेकिन जब उसे कृष्णा के बारे में पता चलता है, तो वह यशोदा को खो देने एवं अपने परिवार के टूटने के डर से यशोदा को सच नहीं बताता। लेकिन अपने बच्चे को एक अनाथाश्रम में देखकर उसे बहुत दुख होता है और वह खुद को इन सबका दोषी मानने लगता है।

2 आप अशोक का किरदार निभाने के लिये राजी क्यों हुये, क्या आपको लगता है कि दर्शक आपके किरदार से जुड़ाव महसूस करेंगे?

‘दूसरी माँ‘ में अशोक का मेरा किरदार मेरे लिये दिलचस्प और जुड़ने लायक, दोनों ही है। वह एक जिम्मेदार व्यक्ति है, जो अपने पैरेंट्स, पत्नी, बच्चों और भाई-बहन के साथ रहता है। असल जिंदगी में भी मेरी जिंदगी मेरे परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमती है। यह कारण है कि मुझे यह किरदार आकर्षक लगा। हालांकि, मेरे किरदार की जिंदगी में आये भावनात्मक उतार-चढ़ाव और उसके उलझे हुये अतीत को देखते हुये, ऐसी संभावना है कि दर्शक या तो अशोक से प्यार करेंगे या फिर नफरत और मैं हर चीज को स्वीकार करने के लिये तैयार हूं। बतौर कलाकार, मुझे नई चुनौतियां लेना अच्छा लगता है। हर किसी का जुनून अलग स्तर का होता है और मैं अपने काम को लेकर बेहद जुनूनी हूं। इससे मुझे संतुष्टि मिलती है और एक कलाकार के रूप में खुद को निखारने में मदद मिलती है। हमारी जिंदगी में हर समय कुछ-न-कुछ नया सीखने लायक होता है।

3 दो साल के बाद स्क्रीन पर वापस लौटते हुये आपको कैसा लग रहा है?

टेलीविजन पर वापस लौटकर मुझे वाकई में बहुत अच्छा लग रहा है। मेरी फैमिली खासतौर से मेरी पत्नी इस बात से बेहद खुश है। मैंने कई टेलीविजन शोज किये हैं और इंडस्ट्री में अपनी एक पहचान बनाई है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब मुझे लगा कि मेरा कॅरियर थम सा गया था। मैं बहुत उदास था, क्योंकि मुझे कोई दिलचस्प आॅफर्स नहीं मिल रहे थे। वर्ष 2020 में, मैं मध्य प्रदेश में अपने होमटाउन गाडरवाड़ा लौट आया और मैंने अपना सीमेंट का बिजनेस शुरू किया। मेरा वह बिजनेस बहुत अच्छा चल रहा था, लेकिन इसके बावजूद मेरी बहुत इच्छा थी कि मैं दोबारा ऐक्टिंग करूं। भगवान का शुक्र है कि उन्होंने मेरी प्रार्थना सुन ली और लाॅकडाउन के बाद मुझे आॅडिशन काॅल्स आने लगे। उन्ही में से एक काॅल अशोक के रोल के आॅडिशन के लिये भी था। इस रोल के लिये चुना जाना मेरी खुशकिस्मती है।

4 जयपुर में शूटिंग करने का आपका अब तक का अनुभव कैसा रहा है, क्या आपको अपने परिवार वालों की याद आती है?

जयपुर में ‘दूसरी माँ‘ की शूटिंग करने में मुझे बहुत मजा आ रहा है। यह जगह बेहद खूबसूरत है और मुझे इस शहर की खूबसूरती को देखने का थोड़ा-बहुत मौका तो मिल ही गया है। हम सभी के लिये शूटिंग का शेड्यूल बहुत टाइट रहा है। ऐसी अद्भुत टीम के साथ काम करके मजा आ रहा है और अपने परिवार से दूर रहकर इतना समय एकसाथ बिताने के बाद हम सभी दोस्त बन गये हैं। इसलिये एक तरह से हम सभी एक दूसरा परिवार बन गये हैं, जो एकसाथ काम करते हैं, खाते हैं और एकसाथ हर चीज का जश्न मनाते हैं। हर गुजरते दिन के साथ हमारा रिश्ता और भी मजबूत हो रहा है। सेट पर हम एकसाथ रिहर्सल करते हैं और खाना खाते हैं और जब हम शूटिंग नहीं कर रहे होते हैं, तो हम सभी स्थानीय पकवानों खासतौर से स्ट्रीट फूड और शहर की समृद्ध विरासत का आनंद उठाते हैं। मुझे मेरे परिवार वालों की बहुत ज्यादा कमी नहीं खलती है और मैं हर दिन उनसे बात करने की कोशिश जरूर करता हूं। वे बहुत सपोर्टिव हैं, खासकर मेरी पत्नी। मुझे जब यह रोल मिला, तो वह और मेरी बेटी दोनों की खुशी का ठिकाना नहीं था। वे भी यहां आना चाहती हैं और तब हम कहीं घूमने जाने की सोच रहे हैं।

5नेहा जोशी और आयुध भानुशाली के साथ शूटिंग करने का आपका अब तक का अनुभव कैसा रहा है?

नेहा जोशी और आयुध भानुशाली के साथ अब तक का शूटिंग करने का अनुभव शानदार रहा है और मुझे इनसे बेहतर सह-कलाकार नहीं मिल सकते थे। हालांकि, शूटिंग की वजह से हम काफी व्यस्त रहते हैं लेकिन इसके बावजूद हम तीनों की यही कोशिश रहती है कि जब भी समय मिले हम गुलाबी शहर में घूमने का लुत्फ उठायें। नेहा और आयुष दोनों ही बेहद प्रतिभाशाली और प्रोफेशनल हैं। आयुध बहुत ऐक्टिव और शरारती बच्चा है और कभी भी एक जगह पर शांत नहीं बैठता। सेट पर उसकी एनर्जी मुझे अच्छी लगती है। इसके साथ ही नेहा और मैं हमेशा ही अलग-अलग मुद्दों पर बात करते रहते हैं, जैसे कि स्पोर्ट्स, आर्ट और पाॅलिटिक्स। उनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है।

6अपने दर्शकों को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?

‘दूसरी माँ‘ भावनाओं, दमदार किरदारों और एक मजबूत कहानी से भरपूर फैमिली ड्रामा है। मुझे पूरा भरोसा है कि इसकी कहानी दर्शकों को पसंद आयेगी। उम्मीद है कि दर्शक कहानी के साथ जुड़ाव महसूस करेंगे, हमारी कड़ी मेहनत उन्हें पसंद आयेगी और हमारे सफर में हमारा साथ देकर वे इस शो को कामयाब बनायेंगे।

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