मिलिए टेलीविजन पर महिला किरदार बनकर अपना जलवा बिखेरने वाले मेल एक्टर्स से

भारतीय टेलीविजन पर आपने कई ऐसे पुरूष कलाकारों को देखा होगा, जिन्होंने महिला किरदारों को बहुत ही खूबसूरती और नजाकत के साथ परदे पर साकार किया है। इन ऐक्टर्स ने इन भूमिकाओं को न सिर्फ परदे पर बखूबी उतारा बल्कि दर्शकों का भरपूर मनोरंजन भी किया है। महिलाओं जैसे कपड़े पहनने एवं सजने-संवरने से लेकर महिला किरदारों को निभाने तक, एण्डटीवी के इन कलाकारों ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है। इन कलाकारों में शामिल हैं योगेश त्रिपाठी (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह), आसिफ शेख (‘भाबीजी घर पर हैं‘ के विभूति नारायण मिश्रा), सानंद वर्मा (‘भाबीजी घर पर हैं‘ के अनोखे लाल सक्सेना) और रोहिताश्व गौड़ (‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी)। इन कलाकारों ने महिला किरदारों को निभाने के दौरान हुई मौज-मस्ती, इनकी चुनौतियों एवं दर्शकों तथा अपने महिला सह-कलाकारों से मिली तारीफों के बारे में बात की।


योगेश त्रिपाठी, जोकि एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में दरोगा हप्पू सिंह का किरदार निभा रहे हैं, ने कहा, ‘‘यूं तो हमारे शो की कहानी हमेशा ही मजेदार होती है, लेकिन यह तब और भी दिलचस्प हो जाती है, जब किसी को कोई पूरी तरह से अलग अवतार अपनाना होता है। मनोरंजन की दुनिया में पुरूषों का महिलाओं के वेष में आना आम बात है, लेकिन इससे दर्शकों का हमेशा मनोरंजन होता है। मैंने अब तक औरत बनकर जितने भी रोल किये हैं, उन्हें निभाकर मुझे बहुत मजा आया है। हाल ही में मैने नौकरानी माल्टा और हप्पी जान की भूमिका निभाकर बहुत मस्ती की, क्योंकि यह दोनों महिलाएं कानपुर के हर शख्स को पसंद आईं। परफाॅर्मर होने के नाते हमें ऐसे महिला किरदारों के सही कपड़ों और मेकअप पर बहुत काम करना पड़ता है। और मैं हमेशा कुछ नया और मनोरंजक पेश करने की कोशिश में रहता हूँ। जब मैंने शुरूआत में पटकथा पढ़ी, तब आमतौर पर सोचा कि एक महिला की भव्यता कैसे प्रस्तुत करूंगा, क्योंकि महिला की भूमिका करना कभी आसान नहीं होता है। लेकिन मैंने हमेशा ही अपना मन बहलाया। इंडस्ट्री में कई एक्टर्स महिला किरदार निभाने में बेहतरीन हैं।हमारे अपने आसिफ शेख के अलावा मुझे गोविंदा जी भी बहुत पसंद हैं, जिन्होंने अपनी फिल्मों में विभिन्न महिला किरदारों को बेहतरीन तरीके से निभाया है।’’

एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के विभूति नारायण मिश्रा, यानि आसिफ शेख ने कहा, ‘‘महिलाओं पर केन्द्रित हास्य किरदार निभाना मेरे लिये बहुत सहज है। पिछले सात वर्षों में मैंने 21 से लेकर 75 साल तक की महिलाओं के कई किरदारों को निभाया है। महिला किरदार निभाने में मुझे मजा आता है और मैं हर बार कुछ नया करने की कोशिश में रहता हूँ। आमतौर पर मेरी उम्र का एक्टर मानता है कि वह पर्दे पर केवल पापा और चाचा का किरदार निभाते रहने से बौना हो जाएगा, लेकिन मैं सलवार कमीज, साड़ी, मिनी स्कर्ट और इस तरह के दूसरे कपड़े पहनने की तैयारी कर रहा हूँ और इसका अपना मजा है। इतने भारी कपड़े पहनना और मेकअप लगाना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन अब मुझे अपना रास्ता मिल चुका है। जैसा कि मैं अक्सर कहता हूँ, एक कलाकार के तौर पर प्रयोग करना और अपना सर्वश्रेष्ठ देना मुझे कई एक्टर्स से जुदा करता है। मेरे द्वारा निभाये जाने वाले महिला किरदारों की खास बात यह है कि एक्ट को परफाॅर्म करने के लिये मुझे जिन कपड़ों और चीजों की जरूरत थी, वह केवल मेरे लिये खरीदे गये थे और मेरे कमरे में रखे गये थे। मैं जब भी अपने दर्शकों के मनोरंजन के लिये महिला का रूप लेता हूँ, तब मेरे साथी कलाकारों का भी मनोरंजन होता है। वह मेरे साथ फ़लर्ट करना शुरू कर देते हैं और मैं भी वैसे ही जवाब देता हूँ। इस तरह की भूमिका मुझे न केवल दर्शकों का मनोरंजन करने का मौका देती है, बल्कि कुछ सबसे अच्छी यादें भी देती है। दर्शकों से पहले अपने साथी कलाकारों से मिलने वाली तारीफें मुझे उत्साहित कर देती हैं।’’

एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अनोखे लाल सक्सेना का किरदार अदा कर रहे सानंद वर्मा ने कहा, ‘‘खुद को एक महिला किरदार के रूप में ढ़ालना आसान नहीं है। और हर दूसरे एपिसोड में मेरे राइटर मुझे महिला का किरदार निभाने के लिये मजबूर करते हैं, क्योंकि दर्शकों को मैं उन कपड़ों में पसंद आता हूँ (हंसते हैं)। महिला की तरह तैयार होने में बहुत चीजों का ध्यान रखना पड़ता है, जैसे मेकअप, विग, भारी कपड़े, फिटिंग और हाई हील्स। सच कहूँ, तो काम कभी खत्म ही नहीं होता है। एक एक्टर के लिये ऐसा कुछ करना अभी आसान नहीं होता है, जिसमें वह स्वाभाविक रूप से माहिर न हो और मेरी किस्मत अच्छी है कि मैं ‘भाबीजी घर पर हैं’ में 200 से ज्यादा महिला किरदार निभा चुका हूं। मुझे याद है जब मैंने एक ही दिन में चार अलग लड़कियों की भूमिकाएं निभाई थीं और वह काफी तनावपूर्ण था, लेकिन मुझे अच्छा लगा। मुझे याद है जब मैंने पहली बार महिला के कपड़े पहने थे, तब बड़ी मनोरंजक घटनाएं और गलतियाँ भी हुई थीं। सबसे यादगार था मीडिया का मुझे शो की अंगूरी भाबी समझ लेना (हंसते हैं) और मेरी तस्वीरें लेना शुरू करना, क्योंकि मैंने अंगूरी जैसे कपड़े पहने थे। मेरे चहेते सीक्वेंस में से एक है, जब टीएमटी की शादी हो रही थी। और मैं पंडित की माँ बन गया था। वह मनोरंजक और बहुत ही मजेदार बात थी।’’

एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में मनमोहन तिवारी की भूमिका निभा रहे रोहिताश्व गौड़ ने कहा, ‘‘मैं ईमानदारी से उन सभी महिला एक्टर्स को सलाम करता हूँ, जिन्हें अपने किरदार में ढलने के लिये घंटों बिताने पड़ते हैं। पुरूष एक्टर्स को शर्ट और ट्राउजर पहनकर थोड़ा मेकअप करवाने और अपने बाल ठीक करने की जरूरत होती है। हमारे शो के इन सात वर्षों में लगभग हर पुरूष एक्टर ने औरत का किरदार निभाया है। मुझे इस शो में मूछों वाली लैला का किरदार निभाना बहुत अच्छा लगा था, जो विभूति के सपनों में आती रहती है। वे मूंछे रखकर डायलाॅग बोलना और हरकतें करना एक अलग अनुभव है। लैला की काॅमिक टाइमिंग भी अच्छी है और मुझे ऐसे महिला किरदार निभाने में मजा आया। मुझे यकीन है कि अभी ऐसे और भी किरदार आएंगे।’’

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