महिला दिवस पर टेलीविजन की प्रमुख अभिनेत्रियों ने समानता अपनाने के बारे में की बात

नारीत्व का यशोगान करने और लैंगिक समानता के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है और इस साल के लिए महिला दिवस की थीम है #EmbraceEquity  (एम्ब्रेस इक्विटी या समानता को अपनाना)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एण्डटीवी के कलाकारों – ‘दूसरी माँ‘ की यशोदा ऊर्फ नेहा जोशी, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश सिंह ऊर्फ कामना पाठक, कटोरी अम्मा ऊर्फ हिमानी शिवपुरी और सपना सिकरवार (बिमलेश) तथा ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी ऊर्फ शुभांगी अत्रे एवं अनीता भाबी ऊर्फ विदिशा श्रीवास्तव ने एक समावेशी दुनिया का निर्माण करने के लिये समानता को अपनाये जाने के बारे में बात की। एण्डटीवी के शो ‘दूसरी माँ‘ में यशोदा का किरदार निभा रहीं नेहा जोशी ने कहा, ‘‘जब है नारी में शक्ति सारी, तो फिर क्यों नारी को कहें बेचारी?‘‘ मैंने कहीं पर इसे लिखा हुआ पढ़ा था और इस बात ने मेरे मन एक बहुत गहरा प्रभाव छोड़ा, क्योंकि मेरी राय में इसका एक-एक शब्द बिल्कुल सत्य है। महिलाओं को पराक्रम और शक्ति का प्रतीक माना जाता है, लेकिन अक्सर उन्हें परिवार में, कार्यस्थ्लों पर या दूसरी जगहों पर भेद-भाव का सामना करना पड़ता है। एक विविधतापूर्ण संसार में, सभी लोगों को एकसाथ लेकर चलना आवश्यक है। हमारे अंदर कुछ भी बनने और हम जिसे चाहे उससे चुनने की ताकत है। हमें इस समानता को जरूर अपनाना चाहिये और इसे सेलीब्रेट करना चाहिये। आईए इस अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर समानता को दिल खोलकर अपनायें। मैं एक ऐसी दुनिया की कामना करती हूँ, जहाँ मतभेदों को स्वीकार किया जाता हो, उसे सराहा जाता हो और उसका जश्न मनाया जाता हो। तो आईऐ, #EmbraceEquity के साथ महिलाओं के लिए समानता का संकल्प लें। एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में कटोरी अम्मा का किरदार अदा कर रहीं, हिमानी शिवपुरी ने कहा, ”लैंगिक आधार पर भेदभाव आज भी एक बड़ी समस्या है। ‘Embrace Equity’ की थीम लैंगिक समानता के बारे में जागरूकता फैलाने का एक उत्कृष्ट तरीका है। जब तक महिलाओं को पुरूषों के समान अधिकार नहीं मिल जाते, हम समाज को सभी के लिये मुक्त और समानतापूर्ण नहीं बना सकते हैं। यह एक मानवाधिकार है और हम सभी को यह मिलना ही चाहिये। बीते सालों में, राजनीति के क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा है और आर्थिक क्षेत्र में उन्हें और भी ज्यादा अवसर एवं बेहतर हेल्थकेयर मिल रहा है। लेकिन अभी भी कई क्षेत्रों में महिलाओं के साथ भेद-भाव किया जाता है, जिस पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है। यदि हमारी आधी आबादी पिछड़ी रहेंगी, तो हम महिलायें कभी भी कामयाब नहीं हो सकती हैं, इसलिये समाज में सभी महिलाओं द्वारा लैंगिक समानता को जरूर अपनाया जाना चाहिये और यह सिर्फ लैंगिक भेदभाव के बिना एक समानतापूर्ण परिवेश तैयार करके ही संभव है। दुनिया भर की सभी महिलाओं को सलाम। महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।“ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अंगूरी भाबी का किरदार निभा रहीं शुभांगी अत्रे ने कहा, ”महिलायें पराक्रम, शक्ति और सौंदर्य का दूसरा नाम होती हैं, लेकिन समाज उसे पुरूषों की तुलना में कमतर समझता है। हालाँकि, मेरे परिवार में हमेशा ही मुझे समान प्यार और सम्मान मिला है, लेकिन मैं जानती हूँ कि हमारे समाज के दूसरे तबकों में महिलाओं के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है। बचपन से ही महिलाओं से भेद-भावपूर्ण व्यवहार को देखकर मुझे बहुत दुःख होता है, जो धीरे-धीरे उसके पेशेवर एवं निजी जीवन में भी फैल जाता है। मुझे खुशी है कि इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान दिया गया है और अब यह इस साल की अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम के अंतर्गत वैश्विक चर्चा का एक हिस्सा है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर, मैं बस इतना कहना चाहूंगी कि आवाज उठाना, बोलना और अपने नारीत्व को स्वीकार करना बेहद जरूरी है। आप वाकई जिसमें विश्वास रखते हैं, उसके लिये खड़ा होना स्वार्थ नहीं है। जागरूक रहें और आप अपने जीवन से जो चाहती हैं, उसे करके खुद को अभिव्यक्त करें।“

कामना पाठक, जो एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में राजेश का किरदार निभा रही हैं, ने कहा, ”भारत का समाज काफी बदल रहा है और अब परिवार के प्रमुख कमाऊ व्यक्ति, प्रोफेशनल्स अथवा आत्मनिर्भर विचारक के रूप में महिलाओं की बदलती भूमिकाओं को स्वीकार कर रहा है। महिलाओं ने हर पहलू से खुद को पुरूषों के बराकर प्रमाणित करके बार-बार अपनी काबिलियत साबित की है। इस साल की ‘एम्ब्रेस इक्विटी‘ की थीम एक ज्वलंत विषय पर आधारित है और मुझे लगता है कि अधिक से अधिक लोगों को इसके बारे में बात करना चाहिये एवं एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहिये, जहाँ महिला और पुरुषए दोनों के साथ समान व्यवहार किया जाता हो। समानता को अपनाकर, हम विविधता एवं समावेशन को अपनाते हैं। हिस्सेदारी की इस प्रक्रिया के माध्यम से हम समानता को प्राप्त कर सकते हैं।“ विदिशा श्रीवास्तव, जो एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में अनीता भाबी का किरदार अदा कर रही हैं, ने कहा, ”महिला होने के नाते महिला दिवस का जश्न मनाना अच्छा लगता है, जब हर कोई हमें शुभकामनायें देता है। सभी द्वारा प्यार एवं सम्मान पाने का अहसास हमें महसूस करवाता है कि हम बेहद खास हैं। मैं भी यही मानती हूँ कि महिला दिवस के रूप में किसी एक दिन महिलाओं को खास महसूस करवाये जाने के बजाय, हमें साल भर नारीत्व का यशोगान करना चाहिये, उसका सम्मान करना चाहिये और उसे प्यार देना चाहिये। ऐसा इसलिये क्योंकि निजी और व्यावसायिक स्तर पर हम सभी की अपनी-अपनी लड़ाइयाँ हैं। बचपन से ही मेरी माँ ने मेरे और मेरे भाई के साथ हमेशा ही एक जैसा व्यवहार किया है। मेरे परिवार में कई पीढ़ियों से बेटे-बेटियों को समान दर्जा दिया जाता रहा है और मुझे इस पर गर्व है। जैसा कि कहा जाता है ‘चैरिटी की शुरूआत घर से होती है।’ हमें इस बुराई को अपनी जिंदगी से निकाल फेंकना चाहिये और यह उम्मीद करनी चाहिये कि समाज में भी धीरे-धीरे बदलाव आयेगा। आईए भेदभाव से रहित समाज की दिशा में एक कदम बढ़ायें और अपनी जिंदगी में शामिल महिलाओं को सम्मान दें एवं ‘नारी शक्ति‘ को सशक्त बनायें।“ एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में बिमलेश की भूमिका निभा रहीं सपना सिकरवार ने कहा, ”आज हम जहाँ चाहें जा सकती हैं, जो चाहे कर सकती हैं। हमें यह जिंदगी दी गई है, क्योंकि हम स्मार्ट, मजबूत और इस जिंदगी को जीने के काबिल हैं। हम अपने सपनों को पूरा करना जानती हैं, लेकिन भारत और कई विकासशील देशों में, महिलायें वहाँ पर नहीं हैं, जहाँ उन्हें होना चाहिये। हमारे लिये शिक्षा सबसे जरूरी चीज है और दूसरी जरूरी चीज है अपने परिवारों का सपोर्ट। एक महिला के बारे में कुछ तो खास है, जो पुरूषों की दुनिया पर राज करती है। वह है उसकी सौम्यता, शक्ति, बुद्धिकौशल, निडरता और कभी भी हार नहीं मानने का जज्बा। महिला दिवस का जश्न मनाते हुये आईऐ जरूरतमंद महिलाओं को शिक्षित एवं सशक्त बनायें। आप सभी को महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें।‘‘

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