भीमराव ने पानी पर भेदभाव के खिलाफ उठाई आवाज

एण्डटीवी के शो ‘एक महानायक-डाॅ बी.आर. आम्बेडकर‘ में लोगों की एक बुनियादी जरूरत ‘पानी‘ से जुड़े मानवाधिकार के एक और महत्वपूर्ण मुद्दे को दिखाया जा रहा है। इस शो की मौजूदा कहानी, युवा भीमराव (अथर्व) के अपने समुदाय के साथ हो रहे भेदभाव के खिलाफ संघर्ष पर केन्द्रित होगी, जिन्हें पानी से वंचित कर दिया गया है। पीने का साफ पानी पाना, हर किसी की आवश्यकता और बुनियादी जरूरत है, लेकिन इसके बावजूद नरोत्तम (विक्रम द्विवेदी) और प्रचंड देव जी (गोविंद खत्री) ने डेविड (ब्रिटिश आॅफिसर) के साथ मिलकर चाॅल के निवासियों के लिये पानी की आपूर्ति बंद करने की योजना बनाई है। भीमराव इसके खिलाफ खड़े होते हैं और अपने समुदाय के लोगों को पानी दिलवाने के लिये संघर्ष करते हैं। युवा भीमराव का किरदार निभा रहे अथर्व ने इस कहानी के बारे में बताते हुये कहा, ‘‘पानी एक बुनियादी मानवीय जरूरत है और किसी को इसे लेने से मना करना मानवता के खिलाफ एक घृणित अपराध है। मौजूदा कहानी जल संकट पर केन्द्रित है और इसमें दिखाया गया है कि कैसे भीमराव इस भेदभाव के खिलाफ संघर्ष करने के लिये अपने समुदाय के साथ खड़े होते हैं। बाबासाहेब स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के मूल्यों के बहुत बड़े समर्थक थे। पानी को लेकर भेदभाव सामाजिक अन्याय के खिलाफ उनके संघर्ष के एक प्रमुख पहलुओं में से एक था। उन्होंने इस दिशा में कई सक्रिय आंदोलन शुरू किये थे, जैसे कि सार्वजनिक जल के इस्तेमाल का अधिकार दिलाने के लिये 1927 में अहिंसक प्रतिरोध, जिसे ‘महाड सत्याग्रह‘ का नाम दिया गया और इसे अब भारत में सामाजिक सशक्तिकरण दिवस (सोशल एम्पाॅवरमेंट डे) के रूप में मनाया जाता है।‘‘

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