नौ दिनों का त्यौहार, नवरात्रि!

नवरात्रि का अर्थ होता है नौ रातें और यह भारत के कई भागों में सबसे लोकप्रिय और व्यापक आधार पर मनाये जाने वाले हिन्दू त्यौहारों में से एक है। यह त्यौहार देवी दुर्गा की विजय की स्मृति में बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। गौरतलब है कि देवी दुर्गा ने भैंसे जैसे सिर वाले राक्षस महिषासुर से युद्ध किया था। अलग-अलग क्षेत्रों में नवरात्रि के रीति-रिवाज और परंपराएं अलग-अलग होती हैं, लेकिन उपवास रखना और गरबा नृत्य करना सभी में एक समान होता है। एण्डटीवी के कलाकार नवरात्रि मनाने के लिये बड़े उल्लास से अपनी योजानाएं बता रहे हैं। यह कलाकार हैं आयुध भानुशाली (‘दूसरी माँ’ के कृष्णा), हिमानी शिवपुरी (‘हप्पू की उलटन पलटन’ की कटोरी अम्मा) और शुभांगी अत्रे (‘भाबीजी घर पर हैं’ की अंगूरी भाबी)। ‘दूसरी माँ‘ के कृष्णा, यानि आयुध भानुशाली ने बताया, ‘‘गुजराती लोगों में हर साल नवरात्रि का जोश बेजोड़ होता है, सिर्फ मेरे लिये नहीं, बल्कि मेरे पूरे परिवार के लिये यह बात सही है। तैयारियाँ काफी पहले से शुरू हो जाती हैं। हमारे घर में हर कोई नौ दिनों का उपवास रखता है, लेकिन बच्चों को उपवास नहीं रखने दिया जाता है। हालांकि, शाम की आरती में भाग लेना और घर में खूबसूरती से सजाकर रखी मटकी के सामने गरबा करना हम सभी की परंपरा है। हम गरबा के लिये तड़क-भड़क वाले कपड़े पहनते हैं और मिलकर नाचते हैं, और इसमें मुझे बहुत मजा आता है और हर साल बेसब्री से इंतजार रहता है। हम आस-पास के मैदानों में जाते हैं और पूरी रात दोस्तों के साथ गरबा करते हैं। यह यकीनन मेरे सबसे पसंदीदा त्यौहारों में से एक है, जिसे मैं अटूट समर्पण और उत्साह से मनाता हूँ।’’

 

‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा, ऊर्फ हिमानी शिवपुरी ने बताया, ‘‘नवरात्रि के दौरान उत्तर और पश्चिम भारत में कई लोग उपवास रखते हैं। मेरी माँ और दादी लगातार नौ दिनों के लिये उपवास रखती थीं, क्योंकि यह समय आध्यात्मिक प्रगति करने और देवी माँ की ऊर्जा को जगाने या अपने शरीर और दिमाग को शुद्ध करने के लिये होता है। हम नौ दिनों तक नमक, मसूर की दाल, प्याज और लहसुन खाने से बचते थे। मेरी माँ के द्वारा पकाई जाने वाली हर चीज सात्विक होती थी। मैं अब नवरात्रि की उन परंपराओं और रिवाजों का पालन करती हूँ, जो मुझे मिले थे। बीते सालों में मुझे समझ आया है कि उपवास रखना अपने शरीर का शुद्ध करने का एक प्रभावी तरीका है। जब शरीर शुद्ध हो जाता है, तब दिमाग ज्यादा शांत रहता है, क्योंकि शरीर और दिमाग के बीच गहरा सम्बंध होता है। इसके अलावा पूरे नौ दिन तक एक दीया जलाया जाता है और मैं पूरा ध्यान रखती हूँ कि दीये में हर समय पर्याप्त घी या तेल रहे। मैं सभी को नवरात्रि की शुभकामनाएं देती हूँ।’’ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी, यानि शुभांगी अत्रे ने बताया, ‘‘मुझे त्यौहार पसंद हैं। मैं हाल ही में गणेश चतुर्थी मनाने के लिये इंदौर गई थी और अब नवरात्रि मनाने की तैयारी कर रही हूँ। मैं नवरात्रि के नौ दिनों में कम से कम एक बार मंदिर जाती हूँ और सात्विक खाना खाती हूँ। ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के हर दिन का एक खास रंग होता है, जो अनोखेपन का प्रतीक होता है और मैं हर दिन के लिये अपने कपड़ों को उस दिन के तय रंग वाला रखने की कोशिश करती हूँ। इस साल मैं अपनी सोसायटी में डांडिया और गरबा नाइट्स का मजा लेने के लिये वक्त भी निकालूंगी। मैं सभी को खुशिायों से भरी और समृद्ध नवरात्रि की दिल से शुभकामनाएं देती हूँ।’’

 

 

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