टेक्नोलाॅजी की बदौलत तेज रफ्तार से आगे बढ़ रही है दुनिया

डिजिटल साक्षरता या कम्प्यूटर का ज्ञान मौजूदा दौर में एक सबसे बड़ी जरूरत और जिंदगी जीने का एक नया कौशल बन गया है। हर साल 2 दिसंबर को वल्र्ड कम्प्यूटर लिटरेसी डे (विश्व कम्प्यूटर साक्षरता दिवस) मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य डिजिटल साक्षरता के बारे में जागरूकता फैलाना और उसे बढ़ावा देना है। इस बार कम्प्यूटर साक्षरता दिवस के मौके पर, एण्डटीवी के कलाकारों ने बताया कि उन्होंने कम्प्यूटर कैसे सीखा और अपने साथियों, दोस्तों और अपने परिवार में खुद से छोटे सदस्यों की मदद से भी कैसे वे खुद को नई टेक्नोलाॅजी के साथ अप टु डेट रखते हैं। इन कलाकारों में शामिल हैं- आयुध भानुशाली (‘दूसरी माँ‘ के कृष्णा), योगेश त्रिपाठी (‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह) और आसिफ शेख (‘भाबीजी घर पर हैं‘ के विभूति नारायण मिश्रा)। एण्डटीवी के ‘दूसरी माँ‘ में कृष्णा का किरदार निभा रहे आयुध भानुशाली ने अपने दादा-दादी को कम्प्यूटर्स एवं टेक्नोलाॅजी सिखाने के बारे में बताते हुये कहा, ‘‘मेरे ग्रैंडपैरेंट्स को कभी-कभी उनके पास मौजूद नई तकनीकों, खासतौर से कम्प्यूटर्स के बारे में समझने में काफी मुश्किल होती है। मेरे दादा जी ऐडवांस्ड कम्प्यूटर टेक्नोलाॅजी के आने से पहले ही रिटायर हो गये थे, इसलिये उन्हें कम्प्यूटर के काम करने के तरीके के बारे में थोड़ी सी ही जानकारी है। मैं जब घर पर होता हूं और शूटिंग नहीं कर रहा होता हूं, तो अपने ग्रैंडपा को कम्प्यूटर के बेसिक्स सिखाता हूं और उन्हें उनके स्मार्टफोन पर नई चीजें ढूंढने में भी मदद करता हूं। अब वह नई तकनीकों को अच्छे से सीख गये हैं और आप उन्हें अक्सर वीडियोज देखते, गेम्स खेलते या हमें वीडियो काॅल्स करते भी देख सकते हैं। वह अपनी पसंद की चीजों को सीखने, कुछ पढ़ने या नये विषयों को एक्सप्लोर करने में अपने समय का इस्तेमाल कर सकते हैं, ताकि उन्हें बोरियत नहीं हो। हम मीलों दूर रहकर भी अपने परिवार वालों और दोस्तों के साथ जुड़े रह सकते हैं और यह सब टेक्नोलाॅजी की वजह से ही संभव हो पाया है।

चलते-फिरते नई टेक्नोलाॅजी सीखने के बारे में बताते हुये योगेश त्रिपाठी, जोकि एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में दरोगा हप्पू सिंह का किरदार निभा रहे हैं, ने कहा, ‘‘एक समय था, जब मुझे कम्प्यूटर्स और नई तकनीकों के बारे में इतनी जानकारी नहीं थी। लेकिन समय के साथ मैंने इसे सीखा, क्योंकि कम्प्यूटर चलाने के लिये और लोगों से जुड़े रहने के लिये यह बहुत जरूरी स्किल बन गया है। हमारी जिंदगी टेक्नोलाॅजी से घिरी हुई है और तकनीक के माध्यम से सभी लोगों के जुड़े रहने के कारण दुनिया बहुत छोटी हो गई है। इसके विपरीत मैं यह भी मानता हूं कि इंसानी बातचीत, खासतौर से परिवार वालों एवं दोस्तों के साथ सामने बैठकर बातें करना अभी भी उनके लिये अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करने का एक सबसे अच्छा तरीका है। हालांकि, तकनीकी विकास से हम सिर्फ हमारी उंगलियों की मदद से पूरी दुनिया को एक्स्प्लोर करने में सक्षम हो गये हैं। महज एक क्लिक करके हम आपसी दूरियों को मिटा सकते हैं और ढेरों जानकारियां हासिल कर सकते हैं, जिससे हमारी जिंदगी आसान, सुविधाजनक और तेज हो गई है। आज की युवा पीढ़ी जिन्हें नई चीजों को अपनाने, उन्हें सीखने और नई तकनीकों के बारे में जानने में बहुत ज्यादा समय नहीं लगता है, की बदौलत मैंने नई चीजों को सीखा या उसके बारे में जानकारी हासिल की है और यह बहुत अच्छी बात है। इस तरह, मुझे उनसे हर समय कुछ न कुछ सीखने का मौका मिल रहा है।‘‘ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में विभूति नारायण मिश्रा का किरदार निभा रहे आसिफ शेख ने कहा, ‘‘इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि आज के जमाने में इनफाॅर्मेशन टेक्नोलाॅजी से हमें गंभीरता से सोचने और विवेकपूर्ण फैसले लेने में मदद मिल रही है। हालांकि, मैं टेक्नोलाॅजी में एक्सपर्ट हूं और नई तकनीकों, एप्स या ट्रेंड्स के साथ खुद को हमेशा अपडेट करने पर ध्यान देता हूं, लेकिन इसके बावजूद सोशल मीडिया एक ऐसी चीज है, जिसमें व्यक्तिगत तौर पर उतना अच्छा नहीं हूं। हालांकि, मेरे पास एक टीम है, जो मेरे साथ काम करती है और मेरे पेज को मैनेज करती है, पर मैं कभी-कभी उन नये ट्रेंड्स को देखकर हैरान रह जाता हूं, जो अचानक से ही सामने आ जाती हैं। इस रफ्तार से कदम मिलाकर आगे बढ़ पाना आसान नहीं है। लेकिन सोशल मीडिया पर ऐक्टिव रहने और अपने प्रशंसकों एवं दर्शकों के साथ जुड़े रहने के लिये यह एक जरूरी टूल है। इसलिये, मुझे जब भी खाली समय मिलता है, इस प्रोसेस को एक्सप्लोर करने और नई चीजों को बनाने के लिये विभिन्न स्किल्स सीखने में मैं अपने बच्चों की मदद लेता हूं। मैं जब भी आॅनलाइन पेमेंट करता हूं या कोई फाॅर्म भरता हूं, तो बस एक काॅल करके अपने बच्चों से पूछ लेता हूं। मुझे इस बात की खुशी है कि कम्प्यूटर एजुकेशन अब भारत के सभी स्कूलों के लिये अनिवार्य हो गया है और इस तरह आने वाली पीढ़ी को ज्ञान से सशक्त किया जा रहा है। इनफाॅर्मेंशन टेक्नोलाॅजी या सूचना तकनीक का सही तरीके से इस्तेमाल, हमारे देश को और भी अधिक प्रगतिशील एवं उन्नत बनायेगा।‘‘

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