कलाकारों ने होली के लिये अपने स्किनकेयर और हेयरकेयर सीक्रेट्स बताये!

होली का त्यौहार रंगबिरंगे उत्सव के लिये जाना जाता है। जिसमें लोग खुशियाँ और जोश फैलाने के लिए एकजुट होते हैं। इस त्यौहार के दौरान कई लोग अपनी त्वचा और बालों को सुरक्षित रखने के लिये आॅर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल पसंद करते हैं। लेकिन त्यौहार के दौरान और बाद में सामान्य रूप से इसका ध्यान रखना महत्वपूर्ण होता है। इसके बारे में बात करते हुए, एण्डटीवी के कलाकार होली के बाद की देखभाल के लिये अपने कीमती सुझाव और सलाह दे रहे हैं। इस तरह आप अपनी रंगत को बरकरार रख सकते हैं। यह कलाकार हैं नेहा जोशी (कृष्णा देवी वाजपेयी, ‘अटल’), गीतांजलि मिश्रा (राजेश सिंह, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और विदिशा श्रीवास्तव (अनीता भाबी, ‘भाबीजी घर पर हैं’)। कृष्णा देवी वाजपेयी की भूमिका निभा रहीं नेहा जोशी ने बताया, ‘‘मुझे होली की ज़िंदादिली पसंद है। लेकिन अपनी त्वचा और बालों को सुरक्षित रखना मेरे लिये सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसके लिये मैं पारंपरिक तरीका अपनाती हूँ। सुरक्षा की परत के लिये नारियल के तेल का इस्तेमाल करती हूँ। इस तरह मेरी त्वचा की लचक और बालों का प्राकृतिक आकर्षण बना रहता है। नारियल के तेल से किया जाने वाला और पोषण से भरपूर हेयर स्पा मेरे बालों को मजबूती देता है। यह रंगों से होने वाले संभावित नुकसान को रोकता है। बालों की देखभाल बढ़ाने के लिये मैं होली के बाद उन्हें नींबू के रस और पानी से धोने की सलाह देती हूँ। इससे रंग निकालने में मदद मिलती है और बालों का चभ् पहले जैसा हो जाता है। बाल मुलायम होते हैं और उन्हें आसानी से संभाला जा सकता है। इसके अलावा, होली के बाद नीम की पत्तियों के पानी में नहाने से त्वचा को राहत मिल सकती है। इस तरह तेज रंगों से होने वाली संभावित परेशानियों को भी रोका जा सकता है।’’

राजेश सिंह की भूमिका निभा रहीं गीतांजलि मिश्रा ने सलाह देते हुए कहा, ‘‘होली के दौरान अपनी त्वचा और बालों की सेहत पर सबसे ज्यादा ध्यान देना जरूरी है। हम आॅर्गेनिक रंगों को चुनकर अपने त्यौहार को ज्यादा सुरक्षित बना सकते हैं और संभावित नुकसान से बच सकते हैं। इस साल जब मैं महाशिवरात्रि के लिये उज्जैन गई थी, तब मैंने इंदौर से कुछ जरूरी चीजें खरीदी थीं। मैंने आॅर्गेनिक रंगों के अलावा प्राकृतिक सामग्रियों से बने माॅइश्चराइजर भी खरीदे, ताकि मेरी होली सुरक्षित और स्वस्थ रहे। त्यौहार के बाद मैं त्वचा को राहत देने के लिये दही, शहद और हल्दी का इस्तेमाल करती हूँ। इससे मेरी त्वचा की नमी लौटती है और उसकी असली चमक बनी रहती है। अपने बालों पर मैं सरसों के तेल से मालिश करती हूँ। यह तरीका काफी पुराना है। बालों को भीतर तक पोषण देने वाला यह तरीका बचे-खुचे रंगों को आसानी से निकाल देता है। इससे काफी हाइड्रेशन मिलता है, मेरे बाल मजबूत और आकर्षक हो जाते हैं। यह तरीके रंगों को साफ करने के अलावा संतुलन भी देते हैं। इनकी मदद से मैं अपनी त्वचा और बालों को मजबूत रखते हुए होली के रंगों का मजा ले सकती हूँ।’’ अनीता भाबी के किरदार के लिये मशहूर विदिशा श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘मेरे साथ होली की मीठी यादें हैं, क्योंकि मेरा बचपन वाराणसी में बीता है। वहाँ होली का त्यौहार जल्दी शुरू हो जाता है और इसलिये ज्यादा खास रहता है। महाशिवरात्रि के लिये काशी विश्वनाथ के हालिया दर्शन के दौरान मैंने होली की जोरदार तैयारियाँ देखी थीं। वह तैयारियाँ अब भी चल रही हैं। होली के दौरान मेरे परिवार की सबसे पसंदीदा परंपराओं में से एक है विषेश उबटन लगाना। मेरी माँ भुनी हुई सरसों, थोड़ी हल्दी और सरसों के तेल का इस्तेमाल करती हैं। यह उबटन मेरी त्वचा को तेज रंगों से बचाता है और उसे हाइड्रेट रखता है। हम इस उबटन को बड़े प्यार से त्वचा पर लगाकर मालिश करने की परंपरा निभाते हैं। होलिका दहन समारोह के दौरान कोई भी अवशेष औपचारिक रूप से जला दिये जाते हैं और यह बीमारियों से सुरक्षा का प्रतीक है। उत्तर प्रदेश की परंपराओं को जानने वाला हर व्यक्ति इस रिवाज के बारे में जानता है। होली के बाद सरसों के तेल से मालिश करके नहाने से मेरी त्वचा में फिर से जान आ जाती है। बालों को मैं नारियल तेल की मालिश से पोषण देती हूँ।’’

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