कलाकारों ने बताई की अपनी पढ़ाई के सफर से जुड़ी मनमोहक कहानियाँ!

मनोरंजन की विशाल दुनिया में रचनात्मकता की कोई सीमा नहीं है। इस दुनिया में टेलीविजन के नामचीन कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय कौशल और पढ़ाई के अनूठे रास्तों से अपनी अलग छाप छोड़ी है। एण्डटीवी के कलाकारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यताएं बताते हुए शिक्षा में अपने अनुभवों की कहानियाँ साझा की। इन कलाकारों में शामिल हैं नेहा जोशी (कृष्णा देवी वाजपेयी, ‘अटल’), आशुतोष कुलकर्णी (कृष्ण, ‘अटल’), हिमानी शिवपुरी (कटोरी अम्मा, ‘हप्पू की उलटन पलटन’), योगेश त्रिपाठी (हप्पू सिंह, ‘हप्पू की उलटन पलटन’), आसिफ शेख (विभूति नारायण मिश्रा, ‘भाबीजी घर पर हैं’) और शुभांगी अत्रे (अंगूरी भाबी, ‘भाबीजी घर पर हैं’)। एण्डटीवी के ‘अटल‘ की कृष्णा देवी वाजपेयी, ऊर्फ नेहा जोशी ने बताया, ‘‘मैं स्टोरीटेलिंग की आकर्षक दुनिया से इतना प्रभावित थी कि मैंने थियेटर में ही बीए की डिग्री ले ली। मेरे लिये हर भूमिका एक मंच में बदल जाती है और हर प्रस्तुति में थियेटर से मिली सीख की कहानी होती है। थियेटर की पढ़ाई सिर्फ एक योग्यता नहीं है; वह किरदारों में लगातार जान फूंकने की हिम्मत देती है।’’ एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ के दरोगा हप्पू सिंह, ऊर्फ योगेश त्रिपाठी ने बताया, ‘‘मैंने चकाचैंध से दूर गणित की पढ़ाई की है! मेरे पास बुंदेलखण्ड यूनिवर्सिटी, झांसी, उत्तर प्रदेश से मैथेमैटिक्स में बीएससी की डिग्री है। चाहे कठिन समीकरण हल करना हो या मुश्किल किरदार निभाने हों, अपनी पढ़ाई से मुझे सटीकता और उत्साह मिलता है। मैं हर प्रस्तुति में ढल जाता हूँ। गणित और अभिनय मिलकर मंच पर मेरी सही अभिव्यक्ति का कारण बन जाते हैं।’’ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के विभूति नारायण मिश्रा, ऊर्फ आसिफ शेख ने बताया, ‘‘मैंने इंग्लिश आॅनर्स में बैचलर आॅफ आर्ट्स से शुरूआत की थी, लेकिन बाद में हाॅस्पिटैलिटी को लेकर मेरा जुनून बढ़ गया और मैंने खालसा काॅलेज, दिल्ली से होटल मैनेजमेंट किया। इन बदलावों के बावजूद, थियेटर और अभिनय के लिए मेरा प्यार बरकरार रहा और मैं पारंपरिक डिग्रियों को छोड़कर पूरे दिल से अपने इस जुनून से जुड़ गया। पढ़ाई सिर्फ कक्षाओं और डिग्रियों तक सीमित नहीं होती है; वह खोज करने और खुद को जानने की एक स्थायी यात्रा होती है। मेरी शैक्षणिक यात्रा के हर ट्विस्ट ने मुझे उस कलाकार में ढलने में मदद की है, जोकि आज मैं हूँ।’’

एण्डटीवी के ‘अटल‘ के कृष्ण बिहारी वाजपेयी, ऊर्फ आशुतोष कुलकर्णी ने कहा, ‘‘शुरूआत में मैं साइंस पढ़ना चाहता था, लेकिन काॅलेज में अभिनय करने के कारण मेरी रुचि कला की ओर हो गई। अपने टीचर की सलाह पर मैंने फग्र्युसन काॅलेज, पुणे से सोश्योलाॅजी में बीए किया। मुझे अलग-अलग विषयों को सीखने का शौक था और मैंने साइकोलाॅजी, ह्यूमन एनाटाॅमी, फंक्शनल मेडिसिन और हिस्ट्री आदि के बारे में सीखा जिससे मेरे व्यक्तिगत विकास को बढ़ावा मिला।’’ एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की कटोरी अम्मा, ऊर्फ हिमानी शिवपुरी ने बताया, ‘‘मैं देहरादून की हूँ। और मैंने दून स्कूल से पढ़ाई शुरू की थी, जहाँ पढ़ाई और नाटकों में मेरा प्रदर्शन काफी अच्छा रहा। इसके साथ ही मैं डीएवी काॅलेज, देहरादून से आॅर्गेनिक केमिस्ट्री में पोस्टग्रेजुएट डिग्री की पढ़ाई कर रही थी। मैंने साइंस और आटर््स साथ-साथ पढ़ी। अपने पैशन के अनुसार, मैंने 1984 में नेशनल स्कूल आॅफ ड्रामा से ग्रेजुएशन किया। इससे पता चलता है कि शिक्षा केवल डिग्रियों तक सीमित नहीं होती है- यह जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने का आधार होती है।’’ एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अंगूरी भाबी, यानि शुभांगी अत्रे ने बताया, ‘‘मैं पर्दे पर भले ही एक मासूम गृहिणी की भूमिका निभाती हूँ, लेकिन पढ़ाई की मेरे दिल में हमेशा से एक खास जगह रही है। अंगूरी भाबी के किरदार से इतर मेरे पास मास्टर आॅफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन इन मार्केटिंग (एमबीए) की डिग्री है। मेरी पढ़ाई से पता चलता है कि मुझमें सीखने और नई-नई चीजों को अपनाने की लगन है और मनोरंजन उद्योग में यह बेहद जरूरी है। विज्ञापनों से लेकर टेलीविजन शोज तक, मेरा कॅरियर मेरी शिक्षा के विभिन्न पहलू दिखाता है। इससे पता चलता है कि ज्ञान किसी भी स्थिति में आपका सक्षम साथी होता है।’’

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