एण्डटीवी के कलाकारों ने सभी को लोहड़ी की शुभकामनाएं दीं

लोहड़ी वह त्यौहार है, जो सर्दी से गर्मी में के मौसम में प्रवेश करने का संकेत देता है। एण्डटीवी के कलाकार शिव्या पठानिया (बाल शिव की देवी पार्वती), तेज सप्रू (प्रजापति दक्ष, बाल शिव), श्रेणु पारिख (घर एक मंदिर- कृपा अग्रसेन महाराज की में गेंदा अग्रवाल), पवन सिंह (‘और भई क्या चल रहा है‘ के ज़फर अली मिर्ज़ा), सपना सिकरवार (हप्पू की उलटन पलटन की बिमलेश) और रोहिताश्व गौड़ (भाबीजी घर पर हैं के मनमोहन तिवारी) बता रहे हैं कि यह त्यौहार क्यों खास है और अलग-अलग जगहों पर इसे कैसे मनाया जाता है।

‘बाल शिव’ की देवी पार्वती, यानि शिव्या पठानिया ने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश में लोहड़ी का त्यौहार रबी की फसल की आखिरी बुआई के मौके पर बड़े उत्साह से मनाया जाता है। मुझे याद है कि मैं बचपन में अलावा के चारों ओर घूमकर बहुत खुश हो जाती थी और आज भी वैसा ही है। मेरा मानना है कि आग के चारों ओर घूमने से मेरे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आई है। मैं इस साल भी अपने जीवन में समृद्धि लाने के लिये बहुत उत्साहित हूँ। मुझे भरोसा है कि यह लोहड़ी हम सभी के लिये बहुत खुशहाल होने वाली है।’’

तेज सप्रू उर्फ बाल शिव के प्रजापति दक्ष ने बताया, ‘‘लोहड़ी भारत के अधिकांश हिस्सों में मनाया जाता है, लेकिन पंजाब में त्योहार मनाना एक जीवनकालिक अनुभव होता है। सजे-धजे घर, बोनफायर (अलाव) के चारों ओर जमा होकर लोगों का दुआएं मांगना और सबसे अद्भुत मिठाईयां खाना पंजाब को लोहड़ी के दौरान सबसे खूबसूरत स्थान बनाता है। हालांकि, लोगों को यह बात पता नहीं है कि पंजाबी दुल्ला भट्टी की याद में भी यह त्योहार मनाते हैं जोकि क्षेत्र का स्थानीय हीरो है जिसने गुलामी के लिए बेची जा रही युवा लड़कियों को बचाया था। लोग लोहड़ी के अवसर पर उनकी याद में डांस करके, गाने गाकर अपने लीडर का सम्मान करते हैं। तो यदि आप लोहड़ी मनाने के लिए पंजाब में हैं तो बहुत भाग्यशाली हैं, इस त्योहार को पूरे जोश के साथ मनाने से ना चूकें। ढोल की थाप पर भांगड़ा करें और गजक एवं तिल लड्डू जैसी सबसे स्वादिष्ट मिठाईयां खाने का आनंद उठाएं।‘‘

‘घर एक मंदिर- कृपा अग्रसेन महाराज की’ से गेंदा अग्रवाल, यानि श्रेणु पारिख ने कहा, ‘‘यह त्यौहार उत्तर भारतीय राज्यों में बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। मुझे लोहड़ी मनाने का तरीका बहुत पसंद है और खासकर इस त्यौहार में पहने जाने वाले कपड़े मुझे सबसे ज्यादा आकर्षित करते हैं। महिलाएं कुर्ता और पैंट्स या आजकल शरारा पहनती हैं। सलवार या चूड़ीदार के अलावा कई लड़कियाँ कुर्ते को पैंट्स, शरारा या पलाज़ो के साथ पहनती हैं, जो कि ट्रेंडी होते हैं। उम्मीद है कि मुझे इस त्यौहार के लिये अपना सबसे बेहतरीन परांदा और सलवार कमीज पहनने के लिये शो में कोई खास ट्रैक मिलेगा। मैं सभी को लोहड़ी की शुभकामना देती हूँ।’’

‘भाबीजी घर पर हैं’ के मनमोहन तिवारी, यानि रोहिताश्व गौड़ ने कहा, ‘‘लोहड़ी शब्द ‘तिलहोरी’ से आता है, मतलब तिल और रोहरी (गुड़) और यह दोनों चीजें मेरी फेवरेट हैं। माना जाता है कि इन दोनों से शरीर की सफाई होती है और जीवन में नई ऊर्जा आती है। इसलिये मैं इनसे बनी ज्यादा से ज्यादा मिठाइयाँ खाने के लिये इस दिन का इंतजार करता हूँ। और मैं इस साल भी यही इंतजार कर रहा हूँ।’’

‘हप्पू की उलटन पलटन’ की बिमलेश, यानि सपना सिकरवार ने कहा, ‘‘मैं लोहड़ी की जीवंतता के कारण इस त्यौहार के प्रति हमेशा से आकर्षित रही हूँ। हालांकि यह मेरे घर में नहीं मनाया जाता है, लेकिन मैं इसे पंजाब के अपने दोस्तों के साथ मनाती हूँ। उस रात को हम सारे दोस्त मेरी एक सहेली के घर इकट्ठे होते हैं, पंजाबी गानों पर डांस करते हैं और त्यौहार का सबसे बेहतरीन खाना खाते हैं। हर साल की तरह मैं इस जश्न को लेकर उत्साहित हूँ और अपने दोस्तों के साथ वह अच्छा समय बिताने के इंतजार में हूँ।’’

‘और भई क्या चल रहा है?’ के ज़फर अली मिर्ज़ा, यानि पवन सिंह ने कहा, ‘‘मेरे परिवार में लोहड़ी का सेलीब्रेशन जबर्दस्त होता है। लेकिन मैं हर साल इस त्यौहार का इंतजार स्वादिष्ट पकवान खाने के लिये करता हूँ, जैसे सरसों दा साग, मक्के दी रोटी, पंजीरी, पिन्नी और मखाने दी खीर, जो मेरी माँ बनाती हैं। यह लोहड़ी भी अलग नहीं होगी और मैं कहूंगा कि खाओ, खिलाओ और खुश होकर लोहड़ी का त्यौहार मनाओ।’’

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