एण्डटीवी के कलाकारों ने बताया, उनके लिये क्या है आजादी के असली मायने

एण्डटीवी के कलाकारों ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की’ की श्रेणू पारीख (गेंदा अग्रवाल) और अक्षय म्हात्रे (वरुण अग्रवाल), ‘बालशिव’ के सिद्धार्थ अरोड़ा (भगवान शिव), ‘और भई क्या चल रहा है’? के पवन सिंह (जफर अली मिर्जा) और अकांशा शर्मा (सकीना मिर्जा) ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आजादी के असली जोश के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि सही मायने में उनके लिये आजादी का अर्थ क्या है।

एण्डटीवी के ‘घर एक मंदिर – कृपा अग्रसेन महाराज की‘ से गेंदा अग्रवाल ऊर्फ श्रेणू पारीख कहती हैं, “हम इंसानों की प्रवृत्ति ऐसी होती है कि जब हम चीजों से महरूम रहते हैं तभी हमें उसका महत्व समझ आता है। लॉकडाउन और महामारी के अनुभव ने मुझे आज़ादी के बारे में बहुत कुछ सिखाया है। चूंकि, बचपन से ही मेरे ऊपर कोई पाबन्दी नहीं थी तो मैं हमेशा आजाद महसूस करती थी। मेरा परिवार हमेशा मेरे साथ रहा है और कोई रोक-टोक नहीं लगायी। लेकिन ऐसे मुश्किल हालात ने मुझे एहसास दिलाया कि वास्तव में आजाद होने का मतलब आत्मनिर्भर होना है। इस कठिन समय में मैंने अपने परिवार की मदद करने से लेकर खुद को संयमित रखना सीखा है। अब मैं गर्व के साथ कह सकती हूं कि मैं पहले से कहीं ज्यादा आत्मनिर्भर हो गयी हूं। सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।‘‘

एण्डटीवी के ‘घर एक मंदिर – कृपा अग्रसेन महाराज की‘ से अक्षय म्हात्रे ऊर्फ वरुण अग्रवाल ने बताया, “आजादी हमारे आसपास की दुनिया के बारे में सोचने और समझने का एक जरिया है। बेशक हम सभी की अपनी एक सोच है लेकिन हर व्यक्ति इसे अपने तरीके से समझता है। आजादी कैसी भी हो, उससे हमें खुशी मिलती है। आजादी मेरे लिए, आत्मनिर्भर होना और सम्मान से जीवन जीने का साधन मात्र है। मुझे खुशी है कि मेरे परिवार ने हमेशा मेरा साथ दिया और मेरे सपनों और आकांक्षाओं को समझा। साथ ही उसे पूरा करने में मेरी मदद की।“

एण्डटीवी के ‘बाल शिव’ से भगवान शिव ऊर्फ सिद्धार्थ अरोड़ा कहते हैं, “मेरे लिए आजादी का मतलब है अपनी खुशी को पाना। गलाकाट प्रतियोगिता के इस दौर में लोगों को यह पता ही नहीं है कि आखिर असली खुशी किसमें है। सही मायने में आजादी उस खुशी को समझना और उसको पाना है।“

एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है’ से पवन सिंह, जफर अली मिर्जा कहते हैं, “भले ही भारत को 1947 में आजादी मिली, लेकिन मुझे अपनी आजादी 2013 की शुरूआत में मिली। काफी संघर्ष करने के बाद मैंने एक्टर बनने के अपने सपने को पूरा करने के साथ-साथ पढ़ाई करने के लिये घर छोड़ने का फैसला किया। इससे मुझे एहसास हुआ कि हमारे विचार हमें बांधे रखते हैं। एक बार जब आप शुरूआती कठिनाइयों को दूर कर लेते हैं, तो सब कुछ आसान हो जाता है। यह आजादी एक वरदान की तरह है।‘‘

अकांशा शर्मा ऊर्फ एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है?‘ की सकीना मिर्जा कहती है, ‘‘मेरे लिये आजादी का मतलब है अपने जैेसे बने रहने की क्षमता। यह अपने फैसले खुद लेने और अपनी जिंदगी का कंट्रोल अपने हाथों में लेने के बारे में है। खुलकर और पूरी ईमानदारी से अपनी सच्चाई को जीना ही आजादी है। मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मुझे इतना सपोर्ट करने वाला परिवार मिला है जिसने मुझे अपनी शर्ताें पर जीने और मैं जैसी हूं, वैसी बने रहने की आजादी दी है।‘‘

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