एण्डटीवी के कलाकारों ने गर्मियों में घूमने लायक अपनी पसंदीदा जगहों के बारे में की बात!

गर्मियों के मौसम में जब सूरज की किरणें तेज हो जाती हैं और दिन लंबे हो जाते हैं, तब समय होता है बहुप्रतीक्षित गर्मी की छुट्टियां मनाने का। यह मौसम आजादी, एडवेंचर और आराम का एहसास लेकर आता है। यह हमें रूटीन से बेहद जरूरी ब्रेक दिलाता है और नई जगहें घूमने, अपने करीबी लोगों के साथ यादें बनाने एवं रोजाना के तनाव से राहत पाने का मौका भी देता है। इस मौसम को देखते हुए, एण्डटीवी के कलाकारों ने हाल ही में अपनी गर्मी की छुट्टियों के दौरान मौज-मस्ती और रोमांच का आनंद उठाया है। इन कलाकारों में शामिल हैं राहुल जेठवा (अवध बिहारी वाजपेयी, ‘अटल’), गीतांजलि मिश्रा (राजेश, ‘हप्पू की उलटन पलटन’) और रोहिताश्व गौड़ (मनमोहन तिवारी, ‘भाबीजी घर पर हैं’)। अटल के अवध बिहारी वाजपेयी, यानि राहुल जेठवा ने बताया, ‘‘मुंबई के पास एक हिल स्टेशन कर्जत में अपने हालिया समर वैकेशन के दौरान मेरे परिवार और मैंने रोजाना की जिन्दगी की व्यस्तता से ब्रेक ले ही लिया। प्राकृतिक शांति के बीच वह रिकनेक्ट होने और ताजगी पाने का एक बेहतरीन मौका था। हमारा प्यारा पेट (पालतू जानवर) भी हमारे साथ था और उसने भी हमारी तरह खूब मस्ती की। हम एक खूबसूरत कंट्रीसाइड रिसाॅर्ट में ठहरे थे, जोकि आस-पास की हरियाली के साथ आसानी से मेल खा रहा था। पेट-फ्रैंडली उस रिसाॅर्ट में शानदार नजारों वाले काॅटेज और सारी जरूरी सुविधाएं थीं। यह वैकेशन मेरी माताजी को खुश कर देने वाला एक सरप्राइज था, क्योंकि मेरा भाई और मैं अक्सर शूटिंग में व्यस्त रहते हैं और हमें माताजी के साथ अच्छा वक्त बिताने का मौका कम ही मिलता है। हम करजत की प्राकृतिक सुंदरता में खो गये। हम हरियाली की लंबी सैर पर निकले और नदी के शांत किनारे पर पिकनिक का मजा लिया। हमने रिवर रा िफ्ंटग के रोमांच का भी आनंद उठाया। यह छुट्टियां सिर्फ यादगार पल से कहीं बढ़कर रहा। यह आराम पाने, रिश्तों को मजबूत बनाने और प्रकृति से दोबारा जुड़ने का सफर था।’’

‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश, ऊर्फ गीतांजलि मिश्रा ने बताया, ‘‘समर वैकेशंस के दौरान मुझे दो वीकली ट्रिप्स पर जाने का बेहतरीन मौका मिला। सबसे पहले मैं जयपुर गई। उस शहर की मेरे दिल में एक खास जगह है। इस दौरे का मुख्य आकर्षण था खाटू श्याम मंदिर जाना और मुझे गहरा आध्यात्मिक अनुभव मिला। जयपुर की जीवंत संस्कृति और आकर्षक वास्तु-शिल्प मुझे हमेशा लुभाता है। व्यस्त बाजारों से लेकर ऐतिहासिक किलों तक, शहर का हर हिस्सा जिन्दगी से भरा है और उसमें अतीत की कहानियाँ है। हालांकि यह ट्रिप सिर्फ नजारे देखने तक सीमित नहीं रही; इसका आध्यात्मिक महत्व भी था। मंदिर जाने से मुझे अपने जीवन में आध्यात्म के मायने याद आये। भगवान से मेरे लगाव में नयापन आया और आस्था की ताकत का अनुभव हुआ। जयपुर जाने के अलावा मैं अपने परिवार के साथ अलीबाग भी गई थी। वह ट्रिप खासतौर से यादगार रही, क्योंकि मैंने अपने प्रियजनों के साथ अच्छा वक्त बिताया। इसका मुख्य आकर्षण था माॅन्स्टर बाइक पर एक रोमांचक बीच राइड, जिसने हमारे गेटवे को एडवेंचर से भर दिया। अलीबाग की खूबसूरती और वहाँ परिवार के साथ मिले अनमोल पलों ने इन छुट्टियों को सचमुच यादगार बना दिया।’’ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ के मनमोहन तिवारी, यानि रोहिताश्व गौड़ ने बताया, ‘‘मैं हाल ही में अपने परिवार के साथ गोवा गया था। उस दौरे को याद करते हुए मैं बहुत खुश होता हूँ। वह दौरा बेहद खास था, क्योंकि मेरी बड़ी बेटी हमारे साथ थी। वह यूएसए में पढ़ती है और उसने भारत आकर हमारे साथ गर्मी की छुट्टियाँ मनाई। उसके साथ बीते वक्त ने हमारे पलों को खूबसूरत बना दिया। और चूंकि मैं उस वक्त को यादगार और सार्थक बनाना चाहता था, इसलिये गोवा हमारी पहली पसंद था। उसके आकर्षक तटों, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आरामदायक माहौल ने हमारे परिवार को राहत पाने और जुड़ने का बिलकुल सही परिवेश दिया। हमारे एडवेंचर की शुरूआत गोवा की कुछ सबसे मशहूर जगहों से हुई। बैसिलिका आॅफ बाॅम जीसस ने अपने लुभावने इतिहास और आकर्षक वास्तुकला से हमें चैंका दिया। फोर्ट अगौडा में हमें अरब सागर के शानदार नजारे मिले और फोर्ट के अतीत की कहानी समझ में आई। इन सांस्कृतिक अनुभवों को कलनगुट और बागा के तटों पर हमारे वक्त ने और भी बेहतर बना दिया। हमने वाटर स्पोर्ट्स का मजा लिया और धूप का आनंद उठाया। किसी भी सफर में खाने-पीने की एक बड़ी भूमिका होती है और गोवा के पकवान हमारी उम्मीदों से बढ़कर रहे। हमने स्वाद से भरे सीफूड, खुशबूदार करीज और मजेदार डेजर्ट्स का मजा लिया और हमारी स्वाद इंद्रियाँ भी खुश हो गईं। खाने की हर चीज एक जश्न बन गई और हमने टेबल पर अपनी कहानियाँ सुनाई और हंसते रहे।’’

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