एण्डटीवी के कलाकारों ने अपने सैंटा सीक्रेट्स का किया खुलासा

घंटियों के बजने की आवाज सुनते ही हम जान जाते हैं कि यह साल का वह समय है जब हम बौनों,बारहसिंगा और जिंजरब्रेड घरों तथा सभी के चहेते सैंटा क्लाॅज की काल्पनिक दुनिया में उड़ कर पहुंच जाते हैं। क्रिसमस के इस मौसम में, एण्डटीवी के कलाकारों मौली गांगुली (महासती अनुसुइया,बाल शिव), अंकित बाथला (सिद्धांत, घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की), अकांशा शर्मा (सकीना मिर्जा, और भई क्या चल रहा है?), कामना पाठक (राजेश,हप्पू की उलटन पलटन) और शुभांगी अत्रे (अंगूरी भाबी, भाबीजी घर पर हैं) ने अपनी उन सीक्रेट विशेज के बारे में बताया,जो उन्होंने अपने बचपन में सैंटा क्लाॅज से मांगी थीं।

मौली गांगुली (एण्डटीवी के ‘बाल शिव‘ की महासती अनुसुइया) ने कहा, ‘‘बचपन में मुझे लगता था कि सैंटा सभी लोगों के क्रिसमस ट्री को देखने के लिये आते हैं और जिसकी सजावट सबसे अच्छी होती है, उन्हें वो चाॅकलेट एवं तोहफे देंगे। मेरी उनसे कोई खास विश तो नहीं होती थी, लेकिन मैं अपने क्रिसमस ट्री को अच्छे से सजाने और उसे खूबसूरत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती थी। मुझे कई सालों तक कुछ भी नहीं मिला और मुझे लगता था कि मेरा क्रिसमस ट्री अच्छे से नहीं सज पाया होगा इसलिये सैंटा ने मुझे कोई भी तोहफा नहीं दिया। लेकिन एक दिन क्रिसमस की सुबह मैंने क्रिसमस ट्री के नीचे एक बहुत ही सुंदर फ्राॅक देखी और मैं बहुत खुश हुई। बाद में मुझे पता चला कि वह फ्राॅक सैंटा क्लाॅज नहीं, बल्कि मेरी दादी उस दिन स्कूल में मेरे पहनने के लिये लेकर आईं थीं। और उन्होंने ही वह फ्राॅक वहां पर रखी थी। काश मैं फिर से उन पुराने दिनों को जी पाती और क्रिसमस पर सैंटा का दिल जीतने के लिये फिर से क्रिसमस ट्री को सजाती।

अंकित बाथला (एण्डटीवी के ‘घर एक मंदिर-कृपा अग्रसेन महाराज की‘ में सिद्धांत सिन्हा) ने कहा, ‘‘क्रिसमस मेरे पसंदीदा त्योहारों में से एक है। मैं इस फेस्टिवल का बेसब्री से इंतजार करता हूं और सजावट के सारे सामानों को पहले से ही तैयार रखता हूं। मुझे मीठा हमेशा से ही पसंद रहा है और बचपन में मैं चाॅकलेट का दीवाना था। मेरे लिये क्रिसमस का मतलब है दिल खोलकर चाॅकलेट खाने का दिन (हंसते हुये)। मैं अपने घर के चारों ओर इस उम्मीद में छोटे-छोटे मोजे लटकाता था कि सैंटा आयेंगे और उन्हें चाॅकलेट एवं कैंडीज से भर देंगे। अगले दिन मेरी यह इच्छा पूरी हो जाती थी और सालों तक यह सिलसिला यूं ही चलता रहा। लेकिन जब मैं बड़ा हुआ, तो मुझे पता चला कि सैंटा क्लाॅज नहीं बल्कि मेरी मां उन मोजों में चाॅकलेट और कैंडीज भरती थीं। मेरी कामना है कि क्रिसमस पर आप सभी को ऐसे ही प्यारे सरप्राइजेज मिलते रहे।‘‘ अंकित ने आगे कहा, ‘‘क्रिसमस ईव पर हम जो एक खास चीज सालों से करते आ रहे हैं, वह है क्रिसमस ट्री को मोर के पंखों से सजाना। इस तरह की सजावट बहुत खूबसूरत और अनूठी लगती थी।‘‘

अकांशा शर्मा (एण्डटीवी के ‘और भई क्या चल रहा है? की सकीना मिर्जा) ने कहा, ‘‘बचपन में मुझे गुड़ियों और साॅफ्ट ट्वाॅयज से बहुत प्यार था। और हर साल मैं बहुत बेसब्री के साथ क्रिसमस का इंतजार करती थी,ताकि मुझे कोई नई गुड़िया या साॅफ्ट ट्वाॅय मिले। मैं अपने दोस्तों और परिवार वालों को उस गुड़िया के बारे में बताती थी, जिसे मैं क्रिसमस पर उपहार के रूप में देने के लिये हर रात सैंटा से कहा करती थी। क्रिसमस की सुबह मुझे मेरे मम्मी पापा से ढेर सारी गुड़िया मिलती थी और वे मुझसे कहा करते थे कि सांता क्लाॅज वह सब मेरे लिये देकर गये हैं। क्रिसमस पर गुड़ियों और साॅफ्ट ट्वाॅयज मिलने का यह सिलसिला कई सालों तक जारी रहा। मुझे अभी-अभी ही पता चला है कि सांता नहीं बल्कि मेरे मम्मी-पापा वे तोहफे मेरे लिये लाया करते थे। मेरी कामना है कि मेरे लिये और मेरे फैंस के लिये क्रिसमस हमेशा ही खास बना रहे।‘‘

कामना पाठक (एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की राजेश) ने कहा, ‘‘टीनेज के दिनों में मुझे हेयर एसेसरीज जैसे कि क्लिप्स, बैंड्स, हेयर बोज आदि का बहुत शौक था। मुझे याद है कि एक बार क्रिसमस पर मैं इस त्योहार से एक दिन पहले बात कर रही थी मुझे अपने बालों को अलग-अलग तरह से खूबसूरती से सजाने के लिये कुछ कलरफुल बीड क्लिप्स की कितनी ज्यादा जरूरत है। अगले दिन मुझे एक बाॅक्स मिला, जो उन बीड क्लिप्स और तरह-तरह के क्लिप्स एवं बैंड्स से भरा था। उस साल मेरी सीक्रेट सांता कोई और नहीं बल्कि मेरी बहन थी। वह तोहफा पाकर मैं बहुत खुश हुई और मुझे उससे भी ज्यादा खुशी इस बात की थी, कि मेरी बहन ने इतनी खूबसूरती से मेरी इच्छा को पूरा किया। क्रिसमस खुशियां फैलाने का त्योहार है और मैं इस अवसर पर सभी लोगों को मेरी क्रिसमस कहना चाहूंगी। आप सभी को ढेर सारा प्यार, खुशियां एवं कामयाबी मिले।‘‘

शुभांगी अत्रे (एण्डटीवी के ‘भाबीजी घर पर है‘ की अंगूरी भाबी) ने कहा, ‘‘अपने स्कूल के दिनों में, मेरी एक क्लासमेट ने मुझे बताया था कि कैसे सांता क्लाॅज उसके घर पर आये और क्रिसमस ट्री के नीचे एक बैडमिंटन रैकेट लटका कर चले गये। उस समय मैं बहुत छोटी थी और मुझे लगा कि यह कहानी सच्ची है।हालांकि, क्रिसमस सेलीब्रेशन खत्म हो चुका था, लेकिन फिर भी मैंने सांता से विश मांगने की सोची, क्योंकि मुझे डांस करना और गाना पसंद था और इसलिये मुझे एक टेप रिकाॅर्डर चाहिये था। मैंने कागज पर एक क्रिसमस ट्री बनाकर काटा एवं उसे हरे रंग से रंग दिया और उस पर टेप रिकाॅर्डर लिख दिया। मुझे उम्मीद थी कि अगले दिन सांता क्लाॅज मुझे वह उपहार जरूर देंगे। और अगले दिन ऐसा हुआ भी और मेरे सांता कोई और नहीं बल्कि मेरे पिता थे। मेरे पिता मेरे सैंटा थे और इस विरासत को आगे बढ़ाते हुये मैं हर साल अपनी बेटियों की सांता बनती हूं और उनकी विशेज पूरी करती हूं। मेरी तरफ से मेरे प्रशंसकों को क्रिसमस की ढेरों शुभकामनायें। मैं उनसे अनुरोध करती हूं कि वे भी अपने प्रियजनों के लिये सीक्रेट सांता बनें।‘‘

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