आयुष्मान खुराना और वाणी कपूर की फिल्म ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ समाज को महत्पूर्ण संदेश देती है

फिल्म ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ये फिल्म देखा जाए तो आज की नई पीढ़ी से ज्यादा उन लोगों को देखनी चाहिए जो उम्र की फिफ्टी लगा चुके हैं या लगाने वाले हैं। इसके बाद ये फिल्म उन शोहदों और माताओं बहनों के लिए है जो हर दम सामने पड़ने वालों की पसंद-नापसंद को लेकर ‘जज’ बने फिरते हैं।

फिल्म ‘चंडीगढ़ करे आशिकी’ सबसे बड़ी बात जो समझाती है वह ये कि बच्चे मां बाप की जागीर नहीं होते। बेटा हो या बेटी उसे अपनी मर्जी से अपनी पसंद की जिंदगी जीने का पूरा हक है। मां बाप अगर उसे वाकई प्यार करते रहेंगे तो जरूरत पड़ने पर वह उन्हीं की छांव में आएगा। बस थोड़ा सा प्यार और थोड़ा सा भरोसा, हर बेटे और बेटी को चाहिए होता है। मनु-मानवी-मनु की इस कहानी का असली मर्म भी यही है। बिन मां का बेटा अपनी सीआईडी जैसी बहनों और दूसरी शादी के फेर में लगे पिता की भावनाओँ में पिस रहा है। दादाजी उसे समझते तो हैं लेकिन उनकी वैल्यू घर में रबर स्टाम्प से ज्यादा नहीं है।

मनु का जिम है। मानवी वहां जुंबा सिखाने आती है। जुंबा में कब चुम्मा आ जाता है और कब दोनों दो जिस्म एक जान हो जाते हैं, दोनों को पता चलने से पहले ही सब हो जाता है। तन और मन दोनों भिगाने वाले और देह वर्जनाओं को तोडते एक लंबे दृश्य के बाद कहानी असली प्वाइंट पर आती है और एक ऐसे विषय में दर्शकों को साथ लपेट ले जाती है, जिसके बारे में घरवालों के साथ बात करना भी हिम्मत का काम है।

इस फिल्म को देखने का असली आनंद तभी है जब आपको पहले फ्रेम से पता हो कि ये जो हीरोइन है वह दरअसल एक ट्रांस गर्ल है और फिल्म के हीरो को जब इसका पता चलेगा तो भूचाल आने वाला है। फिल्म की कहानी से अनजान दर्शक इस मोड़ पर आकर गच्चा खा सकता है लेकिन पहले से इसके दर्शक अगर मानसिक रूप से तैयार है तो उस परिस्थिति में आने के बाद आयुष्मान खुराना और वाणी कपूर ने जो इस फिल्म में काम किया है, उसकी तारीफ दिल से निकलती है।सिनेमा कैसे समाज को नई दिशा दिखा सकता है, एक साथ पीढ़ियों की सोच बदलने में मदद कर सकता है, इस निर्देशक से सीखा जा सकता है।

अभिषेक की इस सोच का समर्थन करने वाले आयुष्मान और वाणी दोनों ने अपने निर्देशक की ही तरह इस फिल्म में नेशनल अवार्ड पाने लायक काम किया है। खास तौर से मानवी का अतीत सामने आने के बाद उससे गुस्सा होते मनु के किरदार में आयुष्मान और फिर रेस्तरां में मनु को उसके ही अंदाज में मानवी के किरदार में जवाब देती वाणी के दृश्य कमाल बन पड़े हैं।

निर्देशक – अभिषेक कपूर

कलाकार – आयुष्मान खुराना , वाणी कपूर , गौरव शर्मा , गौतम शर्मा , कंवलजीत सिंह , अंजन श्रीवास्तव और अभिषेक बजाज

रेटिंग – 4.5/5

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