अभिनेत्रियों का हाई हील्स के लिये प्यार!

हाई हील्स पहनना सिर्फ चलने का तरीका नहीं, बल्कि एक अंदाज़ है। हर कदम पर क्लिक-क्लैक की आवाज के साथ ये हाई-हील्स न सिर्फ आपके कद को बढ़ाते हैं, बल्कि पोश्चर और आत्मसंयम को भी बेहतर बनाते हैं और आपके भीतर एम्पाॅवरमेंट का अहसास जगाते हैं, जहां आपको पता होता है कि आप शाब्दिक और वास्तविक दोनों रूप से सबसे ऊंची हैं। एण्डटीवी की प्रमुख अभिनेत्रियां भी इस भावना से गहराई से जुड़ी हुई हैं, जिन्हें हील्स आकर्षित करते हैं। उदाहरण के लिये शुभांगी अत्रे को ही ले लीजिये, जो भाबीजी घर पर हैं में अंगूरी भाबी के अपने किरदार के लिये मशहूर हैं। शुभांगी ने कहा, ‘‘ मुझे हमेशा से हाई हील्स की उस शालीनता और सौन्दर्य से प्यार रहा है, जो वो बिखेरती हैं। यह सिर्फ चलने का तरीका नहीं, बल्कि एक अंदाज़ है। वे किसी भी आउटफिट की शोभा को बढ़ाती हैं और आपके हर कदम को मनमोहक बनाती हैं। लेकिन, इस आकर्षण के बावजूद, ऊँची एड़ी पहनने का एक अनुचित डर मुझे रोक कर रखता था। संतुलन बनाए रखने, गिरने से बचने और असहजता सहने की मेरी फिक्र, वाकई में एक बड़ी चिंता का विषय थी। इस डर की वजह से ही अपने कई दोस्तों की तरह ही हील्स पसंद होने के बावजूद मैं फ्लैट्स और स्नीकर्स तक ही सीमित रही। मुझे याद है कि एक समय मुझे स्टेज पर अपने एक किरदार के लिये हील्स पहनने थे। शुरूआत में अनुभव की कमी के कारण मैं झिझक रही थी और बहुत डरी हुई थी, लेकिन मैंने हील्स पहनकर चलने की प्रैक्टिस करने का फैसला किया। इस सेशन में मुझे कई बार अजीबो-गरीब स्थिति का सामना करना पड़ा, पर मैंने हौसला नहीं छोड़ा और प्रैक्टिस करती रही। कई प्रयासों के बाद मैं हील्स पहनकर अच्छी तरह से चलने में माहिर हो गई, जिससे मुझे अपने भीतर बहुत ज्यादा आत्मविश्वास महसूस हुआ। तब से लेकर अब तक मैंने कभी भी हील्स पहनने की अपनी काबिलियत पर शक नहीं किया और जब भी मौका मिलता है पूरे आत्मविश्वास के साथ हील्स पहनती हूं। आज मैं हील्स को एम्पाॅवरिंग एसेसरीज के रूप में देखती हूं, जो मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाती है और मुझे और भी ज्यादा स्टाइलिश बनाती है।‘‘

चारूल मलिक उर्फ ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ की रूसा का कहना है, ‘‘मुझे हमेशा ही हील्स बहुत पसंद रही हैं। नुकीली स्टिलेटोज़ पहनकर चलने या बोल्ड प्लेटफॉर्म शूज़ में आत्मविश्वास के साथ चलने का एक अलग ही आकर्षण होता है। इससे मुझे अपने भीतर ताकत का एहसास होता है और लगता है कि मैं दुनिया जीतने के लिए तैयार हूं। मुझे याद है कि बचपन में मैं कैसे अपनी मां के कमरे में चोरी-छिपे जाया करती थी और उनके हील्स पहनकर चलने की कोशिश करती थी। मुझे हील्स पहनकर महिलाओं की तरह मटक-मटक कर चलना बहुत अच्छा लगता था हालांकि, अक्सर मैं लड़खड़ा जाती थी और शर्मिंदा महसूस करती थी। पकड़े जाने पर अपनी मां से प्यार भरी फटकार खाने के बावजूद, उन मजेदार पलों ने हील्स के लिये प्यार को और परवान चढ़ाया और मेरे अंदर स्टाइल की भावना को विकसित किया। बीतते सालों के साथ हील्स का मेरा कलेक्शन और भी बड़ा होता गया है और इसमें अलग-अलग रंगों के क्लासिक पम्प्स से लेकर डेयरिंग आर्किटेक्चरल डिजाइंस तक शामिल हैं, जो फुटवेयर को एक नई परिभाषा देते हैं। मेरा शू कलेक्शन स्टाइल और रचनात्मकता का खजाना है, जिसमें 5 इंच या उससे भी ज्यादा ऊंची एड़ी वाली हील्स शामिल हैं। मुझे हील्स की यह बात भी बहुत अच्छी लगती है कि ये किसी भी आउटफिट के लुक को निखार देते हैं और ग्लैमर का एक बेमिसाल टच देते हैं।‘‘ विदिशा श्रीवास्तव ऊर्फ ‘भाबीजी घर पर हैं‘ की अनीता भाबी कहती हैं, ‘‘मैं जब अपनी माॅडलिंग के दिनों को याद करती हूं, तो मुझे गर्व और खुशनुमा यादों का अहसास होता है। वे साल रोमांच और पर्सनल ग्रोथ से भरपूर थे। रनवे पर वाॅक करना सिर्फ कपड़ों को दिखाने से कहीं अधिक था, यह आत्मविश्वास, ग्रेस और लचीनेपन को दिखाने के बारे में था। चुनौतियों पर विजय प्राप्त करना, खासकर उन शानदार 7 इंच की हील्स में चलना आसान नहीं था। शुरुआत में, मैं लड़खड़ाती थी और दूसरों की हंसी का सामना करती थी, लेकिन मैंने उनके साथ हंसना सीख लिया, सीखने की इस प्रक्रिया को अपना लिया। उन ऊँची हील्स में रैंप पर चलना एक जबरदस्त अनुभव था, जिसने न सिर्फ मेरे फिजिकल प्रेजेंस को निखारा बल्कि मेरे आत्मविश्वास को भी मजबूत किया। मॉडलिंग, खासकर मुश्किल जूतों में चलना, मेरे लिए खुद को खोजने और सशक्तिकरण का सफर बन गया। हादसे भी हुए, जैसे एक शूट के दौरान जब मेरी ऊँची हील्स दलदल में धँस गईं और मैं वहीं फँस गई। फिर भी, ये अनुभव लचीलेपन और सम्मान और आत्मविश्वास के साथ विपरीत परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता की याद दिलाते हैं।

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