एण्डटीवी के ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में बिमलेश का किरदार निभा रही सपना सिकरवार फिलहाल रतलाम शहर में हैं। वे अपनी बहन मानसी की शादी के लिए यहां पहुंची हुई हैं। तीन-दिनों तक चलने वाले शादी के इस कार्यक्रम के बारे में सपना सिकरवार कहती हैं, ‘‘शादियां और खासकर भारतीय शादियां धूम-धड़ाके वाली होती हैं। हल्दी, संगीत, मेहंदी, सगाई और शादी का रिसेप्शन जैसी कई सारी रस्में होती हैं। ऐसे में इन सारी रस्मों पर पहनने के लिए परफेक्ट आउटफिट तो ढूंढना ही पड़ता है। जब बात परिवार में शादी की हो और वो भी किसी करीबी की तो वह हमेशा ही रोमांचक और भागदौड़ वाली होती है। इसमें ना केवल बहुत सारी तैयारियां करनी पड़ती हैं, बल्कि हर मौके पर अच्छा भी दिखना होता है। अपनी बहन की शादी को शानदार और यादगार बनाने के लिए काफी सारी तैयारियां करनी थीं। वह पूरा महीना ही काफी व्यस्त था, क्योंकि मुझे शूटिंग के बाद अपने और अपनी बेटी मान्या के लिए ढेर सारी शाॅपिंग करनी थी। एक अच्छी कांजीवरम साड़ी खरीदना, वाकई बहुत मुश्किल काम है। मैं एक दुकान से दूसरी दुकान भटकती रही और आखिरकार 10वीं दुकान पर जाकर मुझे उसके संगीत के लिए एक सही साड़ी मिल पाई। भगवान की दया से सबकुछ बहुत अच्छी तरह हो गया। हिन्दू परंपराओं के अनुसार मेहंदी के कार्यक्रम से हमने, शुरूआत की। पूरा माहौल रंगों से भरा था और हर तरफ खुशियां बिखरी हुई थीं। उसकी हथेलियों पर बनी बारीक डिजाइन से आती हीना की खुशबू फिजाओं में घुल गई थी। जैसे ही मेहंदी सूखी, अपने पीछे खूबसूरत पैटर्न छोड़ गई और पूरा दिन ही प्यार और शादी की दस्तक से सराबोर हो गया। अगले दिन हल्दी का कार्यक्रम था। यह दिन हल्दी के रंगों में पूरी तरह रंगा हुआ था। हमारे दोस्त और परिवार के लोग इकट्ठा हुए थे, उन्होंने दुल्हन पर हल्दी का लेप लगाया। यह शादीशुदा जोड़ों के लिए आशीर्वाद और खुशहाली का प्रतीक होता है। हर कोई बेहद खूबसूरत और खुश नजर आ रहा था, सब पर पीले रंग की छटा बिखरी हुई थी। शाम में मेरी बहन का संगीत दक्षिण भारतीय परंपराओं के हिसाब से हुआ। परिवार के सभी लोगों ने पारंपरिक मैसूर सिल्क साड़ी और जड़ाऊ ज्वैलरी पहनी हुई थी। वहीं पुरूषों ने धोती और सिल्क शर्ट पहनी थी। वैसे मैं इस बात के लिए अपनी पीठ थपथपाना चाहती हूं कि मैंने अपने पति को ‘फिर और क्या चाहिए, आपके आ जाने से, रफ्ता रफ्ता‘ जैसे बाॅलीवुड रीमिक्स पर सभी रिश्तेदारों के सामने डांस करवा लिया (हंसते हुए)। इतने सालों बाद एक साथ डांस करना, बेहद ही यादगार पल थे। मैंने और मेरे पति ने काफी दिनों तक रिर्हसल की थी और वे पल बेहद ही खास थे, क्योंकि सभी लोग हमारे लिए तालियां बजा रहे थे।‘‘
उन्होंने बताया, ‘‘शादी वाले दिन कई सारे कार्यक्रम थेः सुबह सगाई का कार्यक्रम, दोपहर में अग्नि फेरा और शाम में रिसेप्शन पार्टी थी। खासकर मुझे रिसेप्शन के अपने कपड़े सबसे ज्यादा पसंद आए। मेरा परपल लहंगा पारंपरिक सुंदरता की मिसाल लग रहा था। उसके बेहतरीन फ्रैब्रिक पर बेहद महीन कारीगरी और सीक्वेंस थे। उसके साथ खूबसूरत सी ज्वैलरी और एसेसरीज चार-चांद लगा रही थी। हवा में बैंगनी रंग की छटा ने पूरे माहौल को बेहद सौम्य-सा बना दिया। इसमें कोई हैरानी की बात नहीं थी कि मेरी बहन बेहद ही खूबसूरत और खुश नजर आ रही थी- हम सबके लिए वे यादगार पल थे। किसी भी बड़ी बहन के लिए अपनी छोटी बहन की शादी देखना एक अद्भुत मौका होता है। उसे दुल्हन के खूबसूरत लिबास में देखकर मेरा दिल भर आया। यह देखकर मुझे बहुत खुशी हो रही थी कि मेरी बहन की शादी अपने सपनों के राजकुमार से हो रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि वह केवल उसे खुशियां ही देगा। लेकिन उसकी बिदाई में मैं अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाई। मैं खुश भी थी क्योंकि मैं उसे अपने जीवनसाथी के साथ एक नए सफर की शुरूआत करते हुए देख रही थी।‘‘