‘अपना टाइम भी आएगा‘ की तनाज़ ईरानी ने बताया कि हिंदी सीखने के लिए श्रीदेवी थीं उनकी प्रेरणा

इंडस्ट्री में 30 वर्षों से ज्यादा समय बिता चुकीं एक्ट्रेस तनाज़ ईरानी एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी हैं

जो फिल्मों और टेलीविजन में अपने अलग-अलग किरदारों और बड़ी आसानी से एक रोल से दूसरे रोल में ढलने के लिए जानी जाती हैं। अपने हर रोल के साथ तनाज़ ने खुद को बेहतर बनाया है! इस समय वो ज़ी टीवी के फैमिली ड्रामा ‘अपना टाइम भी आएगा‘ में राजेश्वरी का रोल निभा रही हैं। तनाज़ ने हाल ही में बताया कि मनोरंजन जगत में उन्होंने किन चुनौतियों का सामना किया, खास तौर पर उन्होंने भाषा की अड़चन किस तरह दूर की। उन्होंने यह भी बताया कि श्रीदेवी उनकी सबसे बड़ी रोल मॉडल्स में एक थीं।

वैसे उनकी शानदार परफॉर्मेंस देखकर आपको शायद यह अंदाजा ना लगे, लेकिन अपने करियर के शुरुआती दिनों में तनाज़ को हिंदी भाषा अपनाने में काफी संघर्ष करना पड़ा। खासतौर से हिंदी व्याकरण और उच्चारण को सही तरीके से प्रस्तुत करने में उन्हें पहले काफी दिक्कतें आई थीं। हालांकि उन्होंने इसे अपनी परफॉर्मेंस के आड़े नहीं आने दिया। अपना अनुभव बताते हुए तनाज़ ने कहा, ‘‘मेरा सबसे बड़ा पेशेवर संघर्ष हिंदी भाषा से ही था। अपने करियर की शुरुआत में मैंने यह मान लिया था कि मेरे बोलने का तरीका बिल्कुल अनोखा है और किरदारों को लेकर मेरी लगन और समझ मेरी ग्रामर सुधारने से कहीं ज्यादा बेहतर है। इसलिए मैंने सबसे पहले खुद को स्वीकार किया, खासतौर पर तब, जब मैं ऐसे लोगों को देखती थी, जो भाषा में तो मुझसे बेहतर थे, लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता था कि किसी सीन को कैसे परफॉर्म करना चाहिए। जब मुझे यह एहसास हुआ तो मुझे अपना संघर्ष बहुत छोटा लगा।‘‘

तनाज़ श्रीदेवी से काफी प्रेरित रही हैं। इस बारे में तनाज़ बताती हैं, ‘‘मैंने एक बहुत खास बात गौर की थी कि श्रीदेवी और हेमा मालिनी जैसी अदाकाराओं ने अपने आखिरी रोल्स तक भी इतने अच्छे से हिंदी भाषा नहीं बोली थी, लेकिन उन्होंने अपने टैलेंट के बल अपने हर सीन को संभाला। असल में अपने करियर की शुरुआत में ही मैं श्रीदेवी जी से प्रभावित थी। मैंने महसूस किया कि उन्होंने भी भाषा को लेकर संघर्ष किया था, लेकिन उन्होंने अपने सभी रोल्स को बखूबी निभाया और पूरी लगन के साथ बेफिक्र होकर उन्हें प्रस्तुत किया। वो हमेशा से मेरी प्रेरणा रही हैं। अपने मार्गदर्शन के लिए मैं हमेशा उन्हीं से प्रभावित रहती हूं, खास तौर पर यह देखकर कि वो कितने आगे तक पहुंची थीं। मुझे लगता है कि वो बॉलीवुड की अकेली ऐसी महिला हैं, जो इतनी बड़ी सुपरस्टार रही थीं। खुद पर ऐसे लोगों का प्रभाव होना बहुत अच्छा है, जिन्होंने इतनी मुश्किलों का सामना करके सफलता पाई।‘‘

अब जबकि हम जान गए हैं कि तनाज़ को कहां से प्रेरणा मिलती है, तो ऐसे में हमें भी उम्मीद है कि अपना टाइम भी आएगा के आगामी एपिसोड्स में वो राजेश्वरी के अपने रोल को और दिलचस्प बना देंगी, जहां वो रानी से एक महत्वपूर्ण सबूत छिपाने की कोशिश कर रही हैं।

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